कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने बुधवार को केंद्र की भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार के 'कैशलेस इकोनॉमी' का उपहास उड़ाते हुए आज कहा कि इसने बैंकों को ही 'कैशलेस' बना दिया। सुश्री बनर्जी दक्षिण दिनाजपुर जिले की कई योजनाओं के उद्घाटन के बाद एक जनसभा को संबोधित कर रही थीं।
उन्होंने कहा, किसानों को कर्ज नहीं मिल रहा है, जबकि चंद लोग करोड़ों रुपए लेकर भाग गए। केंद्र इन डिफॉल्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। अगर कर्जे की अदायगी नहीं हो पाई तो किसान आत्महत्या कर सकते हैं। हमने केंद्र से किसानों के कर्जे को माफ करने की मांग की थी, लेकिन उनकी कानों पर जूं तक नहीं रेंगी।
उन्होंने कहा, कुछ पार्टियां केवल वादे करती हैं लेकिन उसमें से महज कुछ ही पूरे किए जाते हैं। जब भी चुनाव होता है, वे हिंदुओं और मुसलमानों के बीच विभाजन करते हैं। देश में बेरोजगारी बढ़ी है। हमने विकास परियोजनाओं के लिए लोगों पर कोई बोझ नहीं लादा है।
उन्होंने कहा, हम स्वयं सहायता समूहों को बैंक ऋण पर 30 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान करते हैं। हमने ब्याज दर चार फीसदी से घटाकर दो प्रतिशत कर दिया है। केंद्र गरीबों के कल्याण के लिए कोई कदम नहीं उठाता है। उन्होंने छात्रों की शिक्षा पर भी कर का बोझ लादा है। नोटबंदी से लेकर जीएसटी लागू करने जैसे तुगलक़ी फरमान जारी करने वाली यह सरकार देश में सरकार चलाने लायक नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा, वाम मोर्चा राज्य में 34 साल तक सत्ता में रहा, लेकिन उन्होंने यहां के लिए कुछ भी अच्छा नहीं किया है। लोगों को सतर्क रहना होगा और किसी अप्रिय घटना को रोकना होगा। किसी भी उत्तेजना संबंधी बातों पर ध्यान देने की जरुरत नहीं है। (वार्ता)