नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे 'भारत जोड़ो यात्रा' के अपने गृहराज्य कर्नाटक में होने के बावजूद इसमें शामिल नहीं हुए, क्योंकि पार्टी चुनाव में निष्पक्षता बनाए रखने पर जोर दे रही है। पार्टी सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 6 अक्टूबर को कर्नाटक के मांड्या में जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इस यात्रा में पहली बार शामिल हुईं तो खड़गे भी उस दिन मांड्या में थे, लेकिन वे यात्रा में शामिल नहीं हुए।
कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि खड़गे 6 अक्टूबर को मांड्या में थे और उसी दिन सोनिया गांधी ने पदयात्रा की थी। वे मांड्या में होने के बावजूद इस यात्रा में शामिल नहीं हुए। कर्नाटक उनका गृहराज्य है, लेकिन वे यात्रा से दूर हैं, जबकि वे राज्य के सबसे वरिष्ठ कांग्रेस नेता हैं। वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि वे अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे हैं और इस चुनाव में निष्पक्षता पर विशेष जोर है।
राहुल गांधी और पार्टी कार्यकर्ताओं ने गत 7 सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से 'भारत जोड़ो यात्रा' की शुरुआत की थी। इन दिनों यात्रा कर्नाटक में है। यात्रा का समापन अगले साल की शुरुआत में कश्मीर में होगा। इस यात्रा में कुल 3,570 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी।
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के निए 17 अक्टूबर को मतदान होगा और 19 अक्टूबर को मतगणना होगी। खड़गे और शशि थरूर उम्मीदवार हैं। इस चुनाव में गांधी परिवार की तरफ से भी तटस्थता पर जोर दिया गया है और अगले अध्यक्ष के रिमोट कंट्रोल से चलने की धारणा को भी खारिज किया गया है।
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गत शनिवार को दोनों उम्मीदवारों मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर की तारीफ करते हुए कहा था कि इन नेताओं का अपना कद है और वे अच्छी समझ वाले व्यक्ति हैं तथा इन्हें रिमोट कंट्रोल से नहीं चलाया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा था कि दोनों नेताओं के बारे में रिमोट कंट्रोल की धारणा उनके प्रति अपमानजनक बात है। कांग्रेस सूत्रों का यह भी कहना है कि 19 अक्टूबर को जो भी कांग्रेस अध्यक्ष चुना जाएगा, वह 20 अक्टूबर या इसके बाद 'भारत जोड़ो यात्रा' का हिस्सा बनेगा।
Edited by: Ravindra Gupta(भाषा)