मुंबई। महाराष्ट्र के सियासी संग्राम में एक बड़ा उलटफेर हुआ है। राज्यपाल भगतसिंह कोशियारी ने शनिवार सुबह ताबड़तोड़ देवेन्द्र फड़णवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी। इससे पहले शिवसेना, एनसीपी व कांग्रेस की सरकार बनाने की तैयारी के बीच यह बड़ा घटनाक्रम है।
एनसीपी के अजित पवार को राज्यपाल ने डिप्टी सीएम पद की शपथ दिलाई है। अब महाराष्ट्र में बीजेपी-एनसीपी की सरकार होगी। इसके पीछे शरद पवार का बड़ा गेम बताया जाता है। अजीत पवार ने कहा कि बड़े दिनों से सरकार बनाने की चर्चाएं चल रही थीं, लेकिन महाराष्ट्र के किसान परेशान थे। किसानों की समस्याओं को लेकर जल्द प्रदेश में सरकार बननी चाहिए थी, इसलिए हमने बीजेपी के साथ सरकार बनाने का फैसला किया।
शुक्रवार तक सियासी हलकों में यह चर्चा थी कि प्रदेश में शिवसेना, एनसीपी व कांग्रेस की सरकार बन रही है, लेकिन अचानक पूरा घटनाक्रम बदल गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर देवेन्द्र फडणवीस को बधाई दी।
Congratulations to
@Dev_Fadnavis Ji and
@AjitPawarSpeaks Ji on taking oath as the CM and Deputy CM of Maharashtra respectively. I am confident they will work diligently for the bright future of Maharashtra.
— Narendra Modi (@narendramodi)
November 23, 2019
देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि जनता ने हमें स्पष्ट जनादेश दिया था। शिवसेना पीछे हट गई थी। महाराष्ट्र में एक स्थायी सरकार दे पाएंगे। अजीत पवार ने कहा कि 24 तारीख को रिजल्ट आने के बाद कोई भी सरकार बना नहीं सका था। किसानों की समस्याओं के लिए प्रदेश में एक स्थिर सरकार चाहिए थी। राज्य की जनता के हित में हमने यह फैसला किया।
भाजपा विधायक राम कदम ने कहा कि हमें पूरी एनसीपी का साथ मिला है। हमारी बातचीत पहले से चल रही थी। सुशील मोदी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि 'अब शिवसेना के चाणक्य क्या कहेंगे? संजय राउत अब क्या कहेंगे?
अमित शाह ने ट्वीट कर देवेन्द्र फडणवीस और अजित पवार को शपथ लेने पर बधाई दी है। शाह ने ट्वीट में लिखा कि 'मुझे विश्वास है कि यह सरकार महाराष्ट्र के विकास और कल्याण के प्रति निरंतर कटिबद्ध रहेगी और प्रदेश में प्रगति के नए मापदंड स्थापित करेगी।'
'वेबदुनिया' ने महाराष्ट्र के सियासी घटनाक्रम पर पहले ही यह संभावना जाहिर कर दी थी कि महाराष्ट्र के इस सियासी संग्राम में शरद पवार एक बड़े खिलाड़ी साबित हो सकते हैं।
पीएम मोदी से शरद पवार की मुलाकात के दौरान ही यह माना जा रहा था कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर एक बड़ा उलटफेर हो सकता है। शरद पवार के बारे में राजनीतिक हलकों में यह कहा जाता है कि वे जो कहते हैं, वह करते नहीं और जो करते हैं, वे कहते नहीं हैं।