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मदरसे के शिक्षकों की थाने में होगी हाजिरी, सीएम सरमा ने कहा- 'हम दुश्मन नहीं'

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, सोमवार, 2 जनवरी 2023 (09:34 IST)
गुवाहाटी, अब मदरसों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को थाने में हाजिरी देना होगी। सीएम और गृह राज्य मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने आतंकी घटनाओं को लेकर ये फैसला किया है। मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को कहा कि राज्य के मदरसों में पढ़ाने के लिए असम के बाहर से आए सभी शिक्षकों को समय-समय पर अपने नजदीकी पुलिस थाने में पेश होना होगा।

बता दें कि आतंकवादी संगठन अंसारुल बांग्ला टीम के कथित मॉड्यूल पर पुलिस की कार्रवाई और राज्य के मदरसों में मौलवी के रूप में काम कर रहे 51 बांग्लादेशियों की शिनाख्त के बाद जांच के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। राज्य में आतंकवाद को लेकर सरकार खासी सख्ती बरत रही है। इसी के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मदरसों के लिए एक चेकलिस्ट तैयार की गई है, हालांकि राज्य ने अभी तक हितधारकों के साथ एक समझौता नहीं किया है, लेकिन चीजें सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं। सरमा ने यह भी कहा कि असम पुलिस राज्य में मुसलमानों के साथ मिलकर काम कर रही है, ताकि मदरसा शिक्षा को तर्कसंगत बनाया जा सके।

बता दें कि असम में लगभग 3,000 पंजीकृत और अपंजीकृत मदरसे हैं। मुख्यमंत्री ने गुवाहाटी में मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान कहा कि पुलिस मदरसों में अच्छा माहौल बनाने के लिए शिक्षा के प्रति सकारात्मक रुख रखने वाले बंगाली मुसलमानों के साथ समन्वय कर रही है। उन्होंने कहा कि मदरसों में विज्ञान और गणित को भी विषयों के रूप में पढ़ाया जाएगा, शिक्षा के अधिकार का सम्मान किया जाएगा और शिक्षकों का एक डेटाबेस मेंटेन रखा जाएगा।

उन्होंने कहा, पुलिस महानिदेशक बीजे महंत के निर्देशन में पुलिस मदरसा शिक्षा को युक्तिसंगत बनाने के लिए मुस्लिम समुदाय के साथ काम कर रही है। वे हमें अपना दुश्मन न समझें, बल्कि हम उन्हें हितधारक बनाना चाहते हैं’ सरमा, जो राज्य के गृह मंत्री भी हैं, ने कहा कि 2022 में केंद्र और राज्य सरकारों के साथ समझौते के बाद विभिन्न संगठनों के 7,229 कैडरों के आत्मसमर्पण के साथ राज्य में आदिवासी विद्रोह का अंत भी हुआ है। पुलिस ने NDFB, NLFT, कार्बी, डिमासा और आदिवासी विद्रोहियों से 757 अत्याधुनिक हथियार, 5983 गोला-बारूद, 131 ग्रेनेड, 26 इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) और 52 किलोग्राम विस्फोटक बरामद किए हैं।

इनमें ज्यादातर हथियार और गोला-बारूद विद्राही संगठनों ने अपनी स्वेच्छा से पुलिस के सामने समर्पित किए हैं। राज्य पुलिस की एक और बड़ी उपलब्धि वांटेड माओवादी नेता अरुण कुमार भट्टाचार्य उर्फ ​​कंचंदा की गिरफ्तारी थी, जिसके सिर पर 3.40 करोड़ रुपए का इनाम था। हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि कंचंदा की गिरफ्तारी ने असम में वामपंथी उग्रवाद को करारा झटका दिया है।
edited by navin rangiyal

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