Madhya Pradesh nursing college scam case : मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने 169 नर्सिंग कॉलेजों का पुनः निरीक्षण करने का निर्देश दिया है। इन कॉलेजों को केंन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने घोटाले के मामले में 'क्लीन चिट' दे दी थी। जांच एजेंसी के 2 अधिकारियों को संस्थानों से अनुकूल रिपोर्ट के लिए कथित तौर पर रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने के मद्देनजर यह आदेश दिया गया है।
उच्च न्यायालय ने गुरुवार को उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली समिति को जमीनी हकीकत का आकलन करने और अपने निष्कर्ष प्रस्तुत करने के लिए अपर्याप्त बुनियादी ढांचे वाले नर्सिंग कॉलेजों और अस्पतालों का दौरा करने का निर्देश दिया।
कुछ नर्सिंग कॉलेज केवल कागजों पर ही मौजूद : सीबीआई कई नर्सिंग कॉलेजों के कामकाज में घोर अनियमितताओं से संबंधित घोटाले की जांच कर रही है। इनमें से कई कॉलेज में बुनियादी ढांचे का अभाव है, तो कुछ नर्सिंग कॉलेज केवल कागजों पर ही मौजूद हैं। केंद्रीय एजेंसी ने निरीक्षण के बाद अनुकूल रिपोर्ट देने के लिए संस्थानों से कथित तौर पर रिश्वत लेने के आरोप में अपने दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया है।
न्यायालय ने गुरुवार को याचिकाकर्ता विधि छात्र संघ द्वारा दायर आवेदन पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया। इस आवेदन में 169 नर्सिंग कॉलेजों को दी गई क्लीन चिट की नए सिरे से जांच की मांग की गई थी। इसमें कहा गया था कि हाल ही में केंद्रीय एजेंसी के दो अधिकारी कॉलेजों से रिश्वत लेते पकड़े गए थे।
न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी और न्यायमूर्ति एके पालीवाल की खंडपीठ ने कहा, कुछ कॉलेजों द्वारा सीबीआई अधिकारियों को रिश्वत देने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर विचार करने के बाद सीबीआई की पिछली रिपोर्ट संदेह के घेरे में आ गई है और मौजूदा स्थिति में ऐसी रिपोर्ट को हरी झंडी नहीं दी जा सकती।
सीबीआई टीम में एक न्यायिक अधिकारी भी शामिल होना चाहिए : इसके बाद पीठ ने उन 169 कॉलेजों का फिर से निरीक्षण करने का निर्देश दिया, जिन्हें क्लीन चिट दी गई है। पीठ ने कहा कि सीबीआई टीम में एक न्यायिक अधिकारी भी शामिल होना चाहिए। आदेश में कहा गया कि निरीक्षण के दौरान वीडियोग्राफी भी की जाएगी ताकि अदालत रिपोर्ट की सत्यता का पता लगा सके। अदालत ने कहा कि सीबीआई को तुरंत निरीक्षण शुरू करना चाहिए और तीन महीने के भीतर इसे पूरा करना चाहिए।
नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया के मध्य प्रदेश समन्वयक रवि परमार, जो इस मामले में विसलब्लोअर भी हैं, ने कहा कि पिछले साल अप्रैल में उच्च न्यायालय द्वारा सीबीआई को नर्सिंग कॉलेजों के कामकाज की जांच करने के लिए कहने के बाद एजेंसी ने ऐसे 308 संस्थानों का निरीक्षण किया।
उन्होंने बताया कि जांच एजेंसी ने जनवरी में अदालत को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में कहा था कि 169 कॉलेज कामकाज के लिए उपयुक्त हैं, जबकि 73 कॉलेजों में बुनियादी ढांचे की कमी है और 66 कॉलेज अनुपयुक्त हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour