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ज्ञानवापी समेत कई प्रस्तावों पर जमीयत की मुहर, मदनी बोले- शरीयत में दखल बर्दाश्त नहीं

हमें फॉलो करें ज्ञानवापी समेत कई प्रस्तावों पर जमीयत की मुहर, मदनी बोले- शरीयत में दखल बर्दाश्त नहीं
, रविवार, 29 मई 2022 (13:27 IST)
ज्ञानवापी विवाद मामले के बाद उत्‍तर प्रदेश के देवबंद में चल रहे जमीयत उलेमा-ए-हिंद के जलसे के दूसरे दिन महमूद असद मदनी का बयान आया है।

उन्‍होंने एक बार फिर से देश में चल रहे माहौल को लेकर जलसे में अपनी बात कही है। महमूद असद मदनी जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्‍यक्ष हैं। उन्‍होंने कहा कि ‘अगर वो अखंडता की बात करें तो वो धर्म है, अगर हम बात करें तो वो तंज माना जाता है।

इस दौरान जमीयत की तरफ से कई तरह के प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई, जिनमें ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा शाही ईदगाह जैसे मामले भी शामिल हैं। जलसे के दूसरे दिन मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि, हर चीज पर समझौता हो सकता है, लेकिन विचारधारा पर समझौता नहीं हो सकता है। मदनी ने कहा कि शरीयत में दखल को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

हम तुम्‍हें डरा नहीं रहे
वे यहीं नहीं रुके उन्‍होंने आगे कहा कि अगर इस मुल्क के लिए हमारी जान जाएगी तो यह हमारे लिए सौभाग्य की बात होगी। यह बात हम तुम्हें बताने की कोशिश कर रहे हैं, डराने की नहीं। तुम डराते हो और हम सिर्फ बता रहे हैं। डराना बंद कर दो। अपनों को भी डराना बंद कर दो और जिनको तुम गैर समझते हो उनको भी डराना बंद कर दो। हम गैर नहीं हैं। इस मुल्क के शहरी हैं। ये मुल्क हमारा है। अच्छी तरह समझ लीजिए... ये हमारा मुल्क है। अगर तुम्‍हें हमारा मजहब बर्दाश्त नहीं है तो कहीं और चले जाओ। वो बार-बार पाकिस्तान जाने को कहते हैं। हमें पाकिस्तान जाने का मौका मिला था, जिसे हमने ठुकरा दिया था।

बता दें कि उत्तर प्रदेश के देवबंद में शनिवार से जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने दो दिन का जलसा आयोजित किया है। इस जलसे में कई मुस्लिम संगठनों के लोग शिरकत करने के लिए देवबंद पहुंचे हैं।

शनिवार को जलसे में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख महमूद असद मदनी भावुक हो गए थे, वे रोने लगे। रूमाल से अपनी आंखों के आंसू पोंछते उनके भाषण और विजुअल्‍स की सोशल मीडिया से लेकर न्‍यूज चैनल तक में चर्चा हुई।

दरअसल, ज्ञानवापी विवाद मामले के बाद आयोजित किए जा रहे इस जलसे में चर्चा के लिए 3 प्रस्ताव रखे गए थे, प्रस्ताव 1 -देश में बढ़ती नफरत पर विचार, प्रस्ताव 2- इस्लामोफोबिया की रोकथाम पर मंथन, प्रस्ताव 3- सदभावना मंच को मजबूत करना। बता दें इन तीनों प्रस्तावों को पास कर दिया गया है।

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