वाराणसी। उत्तरप्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी में वर्ष में एक बार धनतेरस पर्व पर मां अन्नपूर्णा की स्वर्ण प्रतिमा के दर्शन सामान्य लोगों को होते हैं जिसके लिए सोमवार को मंदिर में देशी-विदेशी श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा।
विश्वप्रसिद्ध श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित मां अन्नपूर्णा मंदिर में सोमवार सुबह से रात तक लाखों श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। भक्तों को सिक्के एवं धान के लावे प्रसाद एवं आशीर्वादस्वरूप दिए गए। इससे पहले तड़के करीब 4 बजे मंदिर के महंत रामेश्वर पूरी ने खजाने की विधि-विधान के साथ पूजा की।
मंदिर के एक पुजारी ने बताया कि अन्य भक्तों के साथ-साथ उत्तरप्रदेश के परिवहन मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने भी मां के दरबार में दर्शन के बाद विधि-विधान से पूजा-अर्चना की।
मां की एक झलक पाने एवं खजाने से एक सिक्का लेने के लिए हजारों लोग रविवार शाम से ही कतारों में खड़े होने लगे थे। मंदिर में दर्शन के लिए गोदौलिया से दशाश्वमेध घाट के रास्ते पर भक्तों की कतारें लगी रहीं। व्यवस्था बनाए रखने के लिए बैरिकेडिंग की गई और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पुलिसकर्मी कड़ी सुरक्षा निगरानी कर रहे हैं।
मान्यता है कि करीब 300 वर्षों से यह परंपरा चली आ रही है। वैसे तो यह मंदिर सालभर हीखुलता और अन्य देवी-देवताओं के दर्शन श्रद्धालु करते हैं, लेकिन मां अन्नपूर्णा की स्वर्ण प्रतिमा के दर्शन धनतेरस से लेकर अन्नकूट तक सिर्फ 4 दिनों के लिए ही होते हैं।
श्रद्धालुओं का विश्वास है कि आशीर्वादस्वरूप मिले सिक्के खजाने में रखने एवं उसकी पूजा करने से सालोंभर धन एवं अन्न की कोई कमी नहीं होती है। यही वजह है कि सिक्के पाने के लिए दूरदराज से लाखों स्त्री-पुरुष भक्त हर साल यहां आते हैं। वे घंटों कतारों में खड़े होने में परेशानी महसूस नहीं करते बल्कि वे अपना सौभाग्य समझते हैं।