इलाहाबाद। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शनिवार को कहा कि गूगल कभी भी गुरु का स्थान नहीं ले सकता है। उन्होंने कहा कि भले ही आज गूगल मौजूद है, आईटी मौजूद है, इन सबके बावजूद आपको पढ़ाने के लिए गुरु की ही आवश्यकता पड़ती है इसलिए गुरु को कभी नहीं भूलना चाहिए। गूगल महत्वपूर्ण है, लेकिन यह कभी गुरु का स्थान नहीं ले सकता।
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) की स्थापना के 20वें वर्ष में प्रवेश के मौके पर आयोजित कार्यक्रम 'बियॉण्ड ट्वेंटी बाय 2020' को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा कि किसी को भी अपनी मां, मातृभाषा, गुरु और अपनी जन्मभूमि को नहीं भूलना चाहिए। हमें अपनी मातृभाषा पर गर्व करना चाहिए। मातृभाषा हमारी आंख हैं जबकि पराई भाषा चश्मा है। जब आपके पास आंख ही नहीं होगी, तो चश्मा पहनने से क्या फायदा?
प्रतिभा पलायन के मुद्दे पर उपराष्ट्रपति ने विद्यार्थियों को सलाह देते हुए कहा कि अमेरिका जाना, वहां महंगी कार, मकान खरीदने में मुझे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन ए सब चीजें सूट-बूट पहनकर आईने के सामने खुद को निहारने जैसी हैं। आपको वापस आकर अपनी प्रतिभा यहां के समाज, अपने लोगों, मां-बाप से साझा करनी चाहिए,, क्योंकि साझा करना और ख्याल रखना भारतीय दर्शन का प्रमुख केंद्र रहा है।
उपराष्ट्रपति ने इस अवसर पर संस्थान में सेंट्रल कम्प्यूटिंग सुविधा को राष्ट्र को समर्पित किया। साथ ही उन्होंने इनोवेशन और इंक्यूबेशन केंद्र की आधारशिला रखी। नायडू ने इंडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स की भी आधारशिला रखी। यह सेंट्रल कम्प्यूटिंग सुविधा प्रदेश का अनूठा सुपर कम्प्यूटिंग का अत्याधुनिक केंद्र होगा, जो 200 टेराफ्लॉप्स, 19 टेराबाइट मेमोरी और 1पेंटाबाइट्स की क्षमता से युक्त है।
कार्यक्रम में उत्तरप्रदेश के राज्यपाल राम नाइक, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, नागरिक उड्डयन मंत्री नंदगोपाल गुप्ता, शासी मंडल के अध्यक्ष रविकांत और संस्थान के निदेशक पी. नागभूषण मौजूद थे। (भाषा)