इलाहाबाद। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को एक बड़े फैसले में कहा कि मस्जिद में अजान के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल 'मौलिक अधिकार' नहीं है। हाईकोर्ट ने बदायूं की नूरी मस्जिद के मुतवल्ली की लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किए जाने की इजाजत दिए जाने की मांग वाली याचिका को खारिज करते हुए यह बात कही।
बदायूं के बिसौली तहसील के दौरानपुर गांव की नूरी मस्जिद के मुतवल्ली इरफान की तरफ से याचिका दाखिल की गई थी। याचिका में एसडीएम समेत तीन लोगों को पक्षकार बनाया गया था।
याचिका में हाईकोर्ट से कहा गया था कि मौलिक अधिकार के तहत लाउडस्पीकर बजाने की इजाजत मिलनी चाहिए। अदालत ने इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया और अर्जी को खारिज किया।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सभी धर्मस्थलों से अवैध लाउड स्पीकर हटाने के निर्देश दिए थे। सरकार की तरफ से जारी किए गए निर्देशों में कहा गया था की धर्मगुरुओं से संवाद कर अवैध लाउडस्पीकर को हटवाया जाए। साथ ही जो वैध हैं उनकी आवाज के निर्धारित मानक का अनुपालन सुनिश्चित की जाए।
इसके साथ साथ कड़े दिशा निर्देश देते हुए कहा गया था 10 मार्च 2018 और 4 जनवरी 2018 के शासनादेश कढ़ाई के साथ पालन सुनिश्चित कराएं और साथ ही साथ ऐसे धर्मस्थलों की सूची तैयार की जाए जहां नियमों की अनदेखी की जा रही है।