नई दिल्ली। पर्यावरणविद सुनीता नारायण ने बुधवार को कहा कि दिल्ली में लगभग 65 प्रतिशत प्रदूषण स्थानीय स्रोतों के कारण होता है और यह राष्ट्रीय राजधानी और इसके आसपास के क्षेत्रों में खराब या बहुत खराब वायु गुणवत्ता का मुख्य कारण है।
उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलने से होने वाले प्रदूषण का दिल्ली के प्रदूषण में सिर्फ करीब 5-7 प्रतिशत का ही योगदान है, लेकिन अगर उत्तर से हवा बह रही हो तो यह बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि आमतौर पर मध्य अक्टूबर के बाद प्रदूषण बढ़ता है, लेकिन प्रदूषण के स्रोत वैसे ही बने रहते हैं।
विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र (सीएसई) की महानिदेशक नारायण ने पर्यावरण थिंक टैंक द्वारा अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर साझा किए गए एक वीडियो में ये टिप्पणियां कीं।