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गोलियों की बरसात के बीच है सीजफायर...

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सुरेश एस डुग्गर

श्रीनगर। कहने को तो पाकिस्तान से सटे जम्मू कश्मीर के इंटरनेशनल बार्डर और एलओसी पर पिछले 14 सालों से दोनों मुल्कों की सेनाओं के बीच सीजफायर है पर अब हर दिन सीमाओं पर होने वाली गोलों और गोलियों की बरसात अब सीजफायर का मजाक उड़ाने लगी हैं। यही नहीं गोलों व गोलियों की तेज होती बरसात के बीच लाखों सीमावासी अब फिर से पलायन की तैयारी में भी इसलिए जुट गए हैं क्योंकि सीजफायर के उल्लंघन को लेकर पाक सेना की हरकतें शर्मनाक होने लगी हैं।
 
 
सीमाओं पर जारी सीजफयर के बावजूद पाकिस्तानी सेना द्वारा इस साल 19 दिनों में 80 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया गया जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 900 था, जबकि वर्ष 2016 में 437 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया गया है। जम्मू कश्मीर में सीमा पर पिछले साल संघर्ष में 33 लोग मारे गए हैं, जबकि 179 लोग घायल हुए हैं। आधिकारिक आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं कि पाक सेना ने लगभग हर दिन सीमा और एलओसी पर गोलाबारी की है।
 
आधिकारिक आंकड़ों में बताया गया है कि जम्मू कश्मीर में सीमा पर 47,449 लोगों को संघर्ष विराम उल्लंघन के कारण सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। इनमें से करीब छह हजार रिलीफ कैंपों में रहे जबकि बाकी अपने रिश्तेदारों के घर। उन्होंने बताया कि पिछले साल 780 बार एलओसी पर और 120 बार आईबी पर पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन किया। इनमें 20 सिविल लोग, आठ सेना के जवान और पांच बीएसएफ के जवान मारे गए, जबकि 2016 में बार्डर पर 437 बार सीजफायर उल्लंघन हुआ जिसमें 26 लोग मारे गए जबकि 97 अन्य घायल हुए।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2014 में भी पाक सेना ने सबसे ज्यादा करीब 562 बार सीजफायर का उल्लंघन किया था। तकरीबन प्रत्येक सीजफायर के उल्लंघन का जवाब भारतीय पक्ष की ओर से दिया गया था अर्थात उस ओर से गोले दागे गए तो इस ओर से भी गोले ही दागे गए। कभी मोर्टार का इस्तेमाल उस ओर से हुआ तो कभी छोटे तोपखानों का।
 
नतीजा सामने था। पिछले महीने 26 नवम्बर को 14 साल पूरे करने वाले सीजफायर के अरसे में अब आंकड़ा यह कहता है कि हर दिन पाक सेना ने गोलाबारी कर सीजफायर का मजाक उड़ाया है। अब यह अनुपात बढ़ता जा रहा है। पिछले महीने का आंकड़ा लें तो उसने दिन में बीसियों बार गोलियां बरसाई हैं। सीजफायर के पहले दो-तीन सालों में भी उल्लंघन की कुछ घटनाएं हुई थीं पर तब सैनिक ठिकाने ही पाक सेना के निशाने पर थे। पर अब एक बार फिर उसने सीमाओं पर सीजफायर से पहले वाली परिस्थिति पैदा कर दी है अर्थात अब उसके मोर्टार और लंबी दूरी के हथियारों के मुंह नागरिक ठिकानों की ओर हो गए हैं। यही कारण था कि वह अब जम्मू सीमा के गांवों को निशाना बना वहां मरघट की शांति पैदा करने में कामयाब रहा है। जम्मू सीमा के गांवों में भयंकर तबाही का मंजर है।
 
पाक सेना द्वारा सीजफायर के लगातार किए जाने वाले उल्लंघन का भारतीय पक्ष की नजर में एक ही कारण, घुसपैठियों को इस ओर धकेलना है। सैनिक अधिकारी कहते भी रहे हैं कि पाक सेना की नजरों में सीजफायर के मायने इसकी आड़ में आतंकियों को एकत्र करना और सैनिक ठिकानों को मजबूती प्रदान करना रहा है, जबकि अब वह आतंकियों को इस ओर धकेलने के लिए फिर से कवरिंग फायर की नीति अपनाने लगा है। जिस कारण सीमांतवासी सीमा से सटे अपने घरों को त्यागने के लिए मजबूर होने लगे हैं। हालांकि इसे आधिकारिक तौर पर चाहे नहीं माना गया है पर सीमांत गांवों का दौरा करने पर यह सामने आया है कि सीमावासी सुरक्षित ठिकानों पर चले जाना चाहते हैं क्योंकि उन्हें लग रहा है कि पाक सेना अपने नापाक इरादों से पीछे नहीं हटने वाली है।

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