नई दिल्ली। महिलाओं को ‘Stand Up India’ योजना के तहत करीब चार साल में 16,712 करोड़ रुपए का ऋण मंजूर किया गया है। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। स्टैंड अप इंडिया योजना के लाभार्थियों में 81 प्रतिशत संख्या महिलाओं की है।
पिछले छह साल के दौरान मंत्रालय ने विभिन्न योजनाएं पेश की हैं जिनमें महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए विशेष प्रावधान हैं।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से पहले बयान में मंत्रालय ने कहा कि इन योजनाओं से महिलाएं वित्तीय रूप से सशक्त हुई हैं और वे बेहतर जीवन जीने के साथ उद्यमिता के अपने सपने को साकार कर पा रही हैं।
स्टैंड अप इंडिया योजना की शुरुआत 5 अप्रैल, 2016 को हुई थी। इसके एक नया उपक्रम स्थापित करने के लिए अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक की प्रत्येक शाखा को एक अनुसूचित जाति या जनजाति के व्यक्ति और कम से कम एक महिला को 10 लाख रुपए से एक करोड़ रुपए का ऋण देना अनिवार्य है।
मंत्रालय ने कहा, '17 फरवरी, 2020 तक स्टैंड अप इंडिया योजना के तहत 81 प्रतिशत खाताधारक महिलाएं थीं। महिलाओं के लिए कुल 73,155 खाते खोले गए हैं। महिला खाताधारकों के लिए 16,712.72 करोड़ रुपए का कर्ज मंजूर किया गया है। उन्हें 9,106.13 करोड़ रुपए का कर्ज दिया जा चुका है।'