वाह रे तालिबान! गृहमंत्री 'जल्लाद', वित्तमंत्री 'कसाई' और शिक्षामंत्री छात्राओं का बलात्कारी...

Webdunia
गुरुवार, 26 अगस्त 2021 (15:45 IST)
काबुल। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद अब नई सरकार के गठन की सुगबुगाहट भी शुरू हो गई है। लेकिन, मंत्रियों के जिस तरह नाम सामने आ रहे हैं, उससे अफगानिस्तान के भविष्य का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। मंत्रिमंडल में ऐसे लोग शामिल हैं, जिन पर दर्जनों हत्याओं और बलात्कार के आरोप हैं। 
 
बताया जा रहा है कि अफगानिस्तान में सरकार चलाने के लिए 12 सदस्यीय टीम बनाई गई है। इसमें हक्कानी और 2001 में तालिबान के हटने के बाद राष्ट्रपति बने हामिद करजई का नाम भी शामिल है। 
 
हालांकि अभी आधिकारिक सूची सामने नहीं आई है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्‍स के मुताबिक मोहम्मद इदरीस अफगानिस्तान की केन्द्रीय बैंक की जिम्मेदारी संभालेंगे। हालांकि इदरीस के किताबों से कोई वास्ता नहीं रहा है, लेकिन वे तालिबान की टेरर फंडिंग का काम देखते रहे हैं। यही उनकी इस पद के लिए सबसे बड़ी योग्यता है। 
 
किसी समय तालिबान के सफाए में अहम भूमिका निभाने वाली गुल आगा शेरजई तालिबान की सरकार में वित्त मंत्री का पद संभालने जा रहे हैं। अफगानिस्तान में उन्हें 'तालिबान का कसाई' के नाम से जाना जाता है। कंधार और नंगरहार में शरजई गवर्नर भी रह चुके हैं। तालिबान के खिलाफ लड़ाई में सीआईए का सहयोग भी कर चुके हैं। 
 
नाटो के खिलाफ ऑपरेडर हैड रहे और आत्मघाती हमलों के एक्सपर्ट माने जाने वाले सदर इब्राहिम कार्यवाहक गृहमंत्री की जिम्मेदारी संभालेंगे। ये रोड साइड धमाकों के मास्टर माइंड माने जाते हैं साथ ही तालिबान के फतवों को लागू करवाने की जिम्मेदारी भी इनके पास रही है। अफगानिस्तान की जनता इन्हें 'जल्लाद' के नाम से भी जानती है। 
अमेरिका की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल अब्दुल बाकी उच्च शिक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे। ये शिक्षा के अलावा हर काम में माहिर हैं। अमेरिका से लड़ाई के बीच इन्होंने स्कूलों को बंद करवाया। कई स्कूली लड़कियों के साथ दुष्कर्म करने का भी आरोप है, इन पर। बड़े आतंकी हमलों के भी ये मास्टरमाइंड हैं। 
 
7वीं पास सखुल्ला कार्यवाहक शिक्षा प्रमुख की भूमिका में होंगे।  20 साल की उम्र में आतंकवादी बने सखुल्ला लड़कियों की शिक्षा के सख्त खिलाफ हैं। हम दुल्ला नोमानी काबुल के मेयर होंगे साथ ही खुफिया प्रमुख की जिम्मेदारी भी संभालेंगे। इन पर 700 लोगों की हत्या का भी आरोप है। 
 
कंधार प्रांत के रहने वाले मुल्ला शिरीन काबुल के गवर्नर होंगे। मारे गए तालिबान चीफ मुल्ला उमर के करीबी शिरीन कई आतंकवादी हमलों में अहम भूमिका निभा चुके हैं। 

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