नई दिल्ली। निम्न दबाव का क्षेत्र अब उत्तरप्रदेश के मध्य और इससे सटे पूर्वी भागों पर पहुंच गया है तथा इसके साथ-साथ आगे बढ़ रहा चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र समुद्र तल से 5.8 किमी ऊंचाई पर स्थित है।
स्काईमेट से मिले समाचार के अनुसार मानसून की अक्षीय रेखा बीकानेर, ग्वालियर, उत्तरप्रदेश पर बने कम दबाव के क्षेत्र से होते हुए गई तथा यह मालदा और पूर्वोत्तर भारत में मणिपुर तक बनी हुई है। इसकी एक ट्रफ रेखा महाराष्ट्र के तटीय भागों से मध्यप्रदेश होते हुए पूर्वी उत्तरप्रदेश के तराई क्षेत्रों तक बनी हुई है। उत्तर-पूर्वी अरब सागर और इससे सटे गुजरात के दक्षिणी तटीय क्षेत्रों पर एक चक्रवाती सिस्टम बना हुआ है।
बीते 24 घंटों के दौरान उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, पूर्वोत्तर भारत और मुंबई समेत कोंकण-गोवा पर मानसून का जोरदार प्रदर्शन जारी रहा तथा इससे कई स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश की गतिविधियां देखने को मिली हैं।
यूपी के मध्य भागों और मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा दर्ज की गई। उत्तरी अंडमान व निकोबार द्वीप समूह में भी कहीं-कहीं पर मध्यम से तेज बारिश वर्षा का दौरदारा जारी रहा। गंगीय पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, दक्षिणी गुजरात, विदर्भ, तटीय कर्नाटक, केरल, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में कुछ स्थानों पर सामान्य मानसूनी वर्षा के साथ कहीं-कहीं पर भारी बौछारें दर्ज की गईं।
अगले 24 घंटों का मौसम : अगले 24 घंटों के दौरान पूर्वी उत्तरप्रदेश, बिहार, उपहिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में अधिकांश स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश के बीच 1-2 स्थानों पर मूसलधार वर्षा होने के आसार हैं। पूर्वोत्तर भारत, गंगीय पश्चिम बंगाल, उत्तरी कोंकण-गोवा और दक्षिणी गुजरात में हल्की से मध्यम बौछारें जारी रहेंगी। इन भागों में 1-2 स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है। झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। तेलंगाना, तमिलनाडु और अंडमान व निकोबार द्वीप समूह में 1-2 स्थानों पर हल्की वर्षा हो सकती है।