Land For Job Scam: दिल्ली की राउज कोर्ट ने बुधवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव, राबड़ी देवी, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और राजद सांसद मीसा भारती को नौकरी के बदले जमीन मामले में राहत दी।
अदालत ने चारों को 50,000 रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दे दी। सभी आरोपियों को चार्जशीट की कॉपी देने का भी आदेश किया। मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राजद सुप्रीमो, उनकी पत्नी और बेटे तेजस्वी समेत अन्य सभी 17 आरोपियों को समन जारी किया था। अदालत ने सभी आरोपियों को 4 अक्टूबर को हाजिर होने का निर्देश दिया था।
अदालत ने 22 सितंबर को लालू, राबड़ी, तेजस्वी और अन्य आरोपियों के खिलाफ दायर आरोपपत्र का संज्ञान लेने के बाद उन्हें तलब किया था और कहा था कि साक्ष्य प्रथम दृष्टया भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और जालसाजी सहित विभिन्न अपराधों को अंजाम दिए जाने की तरफ इशारा करते हैं।
क्या है मामला : यह मामला 2004 से 2009 तक रेल मंत्री के रूप में लालू प्रसाद के कार्यकाल के दौरान मध्य प्रदेश के जबलपुर में रेलवे के पश्चिम-मध्य क्षेत्र में ग्रुप-डी नियुक्तियों से संबंधित है। इसके बदले में आवेदकों ने राजद सुप्रीमो के परिजनों या सहयोगियों के नाम पर भूमि उपहार में दी थी या हस्तांतरित की थी।
जांच एजेंसी ने 18 मई 2022 को लालू, उनकी पत्नी, दो बेटियों और अज्ञात लोक सेवकों व निजी व्यक्तियों सहित 15 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
सीबीआई ने पिछले साल अक्टूबर में लालू, राबड़ी और अन्य के खिलाफ मामले में पहला आरोप पत्र दायर किया था। यह रेलवे के मुंबई मुख्यालय वाले सेंट्रल जोन में की गई नियुक्तियों से संबंधित था।
सीबीआई ने घोटाले के संबंध में 3 जुलाई को आरोप पत्र दायर किया था। यह जांच एजेंसी द्वारा मामले में दायर किया गया दूसरा आरोप पत्र था। हालांकि, यह पहला आरोप पत्र था, जिसमें तेजस्वी यादव को आरोपी के रूप में नामित किया गया है।
लालू नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले के साथ-साथ चारा घोटाला से जुड़े मामलों में भी जमानत पर बाहर हैं।