आडवाणी का दर्द उमड़ा, हमने विरोधियों को देशद्रोही नहीं माना

lal krishna advani
Webdunia
नई दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पार्टी संस्थापकों में से लालकृष्ण आडवाणी का ब्लॉग के माध्यम से दर्द जुबां पर आ ही गया। आडवाणी ने गांधीनगर की जनता के प्रति आभार जताया। साथ ही उन्होंने लिखा कि हमने कभी भी राजनीतिक विरोधियों को दुश्मन और देशद्रोही नहीं माना। गांधीनगर से टिकट कटने के बाद आडवाणी की यह पहली सार्वजनिक प्रतिक्रिया है। 
 
उल्लेखनीय है कि 91 वर्षीय आडवाणी गांधीनगर लोकसभा सीट से छह बार सांसद रह चुके हैं। इस बार 75 पार के नेताओं को टिकट नहीं दिए जाने के नियम के चलते आडवाणी भी टिकट की दौड़ से बाहर हो गए और गांधीनगर से अब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह चुनाव लड़ रहे हैं। 
 
ALSO READ: आडवाणी के ब्लॉग पर पीएम मोदी का ट्‍वीट, बताया BJP का सही अर्थ
 
आडवाणी ने लिखा कि अपने विचारों को साझा करने से पहले मैं गांधीनगर के लोगों के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं, जिन्होंने 1991 के बाद छह बार मुझे लोकसभा के लिए चुना है। उनके प्यार और समर्थन ने मुझे हमेशा अभिभूत किया है।
 
उन्होंने आगे लिखा कि 6 अप्रैल को भाजपा अपना स्थापना दिवस मनाएगी। हम सभी के लिए यह महत्वपूर्ण अवसर है कि हम पीछे देखें, आगे देखें और भीतर भी देखें। उन्होंने ब्लॉग में लिखा ब्लॉग में लिखा कि उनके जीवन का सिद्धांत रहा है कि देश सबसे पहले, उसके बाद पार्टी और आखिर में स्वयं। उन्होंने इस सिद्धांत पर अटल रहने की कोशिश की है, जो आगे भी जारी रहेगी।
 
अपने राजनीतिक सफर को याद करते हुए आडवाणी ने ब्लॉग में कहा कि मातृभूमि की सेवा करना मेरा जुनून और मेरा मिशन है। मैं 14 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ा। उन्होंने लिखा कि किस तरह वह पहले जनसंघ और बाद में बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में रहे और पार्टी के साथ करीब 7 दशकों तक जुड़े रहे। आडवाणी ने सभी राजनीतिक दलों से आत्मनिरीक्षण की अपील भी की।
 
आडवाणी जनसंघ और भाजपा दोनों के ही संस्थापक सदस्य रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय, अटलबिहारी वाजपेयी जैसे दिग्गज नेताओं के साथ मिलकर काम करना मेरा दुर्लभ सौभाग्य रहा है। उन्होंने लिखा कि भारतीय लोकतंत्र का सार उसकी विविधता और अभिव्यक्ति की आजादी है। भारतीय राष्ट्रवाद की हमारी अवधारणा में हमने राजनीतिक तौर पर असहमत होने वालों को कभी 'देश-विरोधी' नहीं माना।
 
उन्होंने ब्लॉग में कहा कि सत्य, राष्ट्र निष्ठा और लोकतंत्र की तिकड़ी भाजपा के विकास की पथप्रदर्शक रही हैं। उन्होंने कहा कि इन मूल्यों की समग्रता से सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और सुराज (गुड गवर्नेंस) का जन्म होता है, जो उनकी पार्टी का हमेशा से ध्येय रहा है।
Show comments

जरूर पढ़ें

Delhi : दिल्ली में CM के बंगले को लेकर फिर घमासान, AAP और कांग्रेस ने रेखा गुप्ता पर लगाए आरोप

पाकिस्तान ने दिखाया असली रंग, UNSC का अध्यक्ष बनते ही उठाया कश्मीर मुद्दा, चालबाजियों से कैसे निपटेगा भारत

ESIC की नियोक्ता और कर्मचारी पंजीकरण योजना शुरू, जानिए कब तक रहेगी लागू

Hero का सस्ता इलेक्ट्रिक स्कूटर Vida VX2 हुआ लॉन्च, जानिए कीमत और फीचर्स

क्या है केन्द्र सरकार की ELI Scheme, कैसे मिलेंगे आपको 15000 रुपए, क्या है पात्रता और शर्तें

सभी देखें

नवीनतम

ऑपरेशन सिंदूर के उद्देश्य पर अमेरिका में क्या बोले विदेश मंत्री जयशंकर?

UP: हापुड़ में कैंटर ने मोटरसाइकल को मारी टक्कर, 4 बच्चों सहित 5 लोगों की मौत

रनवे से फिसलकर जंगल में गिरा स्काईडाइविंग विमान, 15 लोग घायल

Weather Update: हिमाचल में बारिश का कहर, केदारनाथ में भूस्खलन, इन राज्यों में IMD का अलर्ट

चीनी दवाओं की खातिर हर साल मार दिए जाते हैं 60 लाख गधे

अगला लेख