लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा जमानत पर रिहा हो गया है। 124 दिनों बाद आशीष जेल से बाहर आया है।
आशीष मिश्रा को 5 दिन पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से जमानत मिल गई थी। मिश्रा लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में उत्तर प्रदेश की एसआईटी ने 5 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी।
लखनऊ बेंच ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई पूरी करने के बाद मिश्रा की याचिका पर 18 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
मिश्रा की ओर से पेश वकील ने अदालत से कहा था कि उनका मुवक्किल निर्दोष है और उसके खिलाफ इस बात का कोई सबूत नहीं है कि उसने किसानों को कुचलने के लिए एक वाहन के चालक को उकसाया था।
याचिका का विरोध करते हुए अपर महाधिवक्ता वीके शाही ने कहा था कि घटना के समय मिश्रा उस कार में सवार थे जिसने किसानों को कथित तौर पर अपने पहियों के नीचे कुचल दिया था।
3 अक्टूबर को जिले के तिकुनिया इलाके में हुई हिंसा में चार किसानों समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष तथा 15-20 अन्य लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था। आशीष को पिछली 9 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था।
जमानत की शर्तों को किया पूरा : आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा सुनाई गई जमानत शर्तों को पूरा करने के बाद मंगलवार शाम को यहां जेल से रिहा कर दिया गया। लखीमपुर खीरी जिला जेल के अधीक्षक पीपी सिंह ने पत्रकारों को बताया कि प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें (आशीष मिश्रा) जेल से रिहा कर दिया गया है।
कुछ धाराएं छूट गई थीं : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने सोमवार को लखीमपुर में हिंसा में चार किसानों की मौत के मामले में आशीष मिश्रा के जमानत आदेश में सुधार किया, जिससे आशीष की जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया। हाईकोर्ट के पहले के आदेश में कुछ धाराएं लिखने से छूट गयी थी जिसके कारण आशीष की रिहाई अटक गयी थी जबकि उसकी जमानत 10 फरवरी को ही हो गयी थी।