कुलभूषण जाधव को जासूसी के आरोप में एक पाकिस्तानी आर्मी कोर्ट द्वारा मौत की सजा सुनाने के मामले में इंटनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में भारत ने सोमवार को पाकिस्तान के झूठ की धज्जियां उड़ा दी। सुनवाई के पहले दिन पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे ने भारत का पक्ष दमदारी से रखा। आज पाकिस्तान मामले में अपना पक्ष रखेगा।
4 दिन तक चलने वाली इस सुनवाई के दौरान भारत ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि पाकिस्तान इस मामले में उचित प्रक्रिया के न्यूनतम मानकों को भी पूरा करने में असफल रहा। भारत ने यह भी अपील की कि इंटरनेशनल कोर्ट पाकिस्तान के फैसले को गैरकानूनी घोषित करे।
साल्वे ने कहा कि यह ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण मामला है जहां एक निर्दोष भारतीय की जिंदगी दांव पर लगी है। पाकिस्तान का पक्ष पूरी तरह से जुमलों पर आधारित है, तथ्यों पर नहीं।
उल्लेखनीय है कि 48 वर्षीय जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में फांसी की सजा सुनाई थी। पाकिस्तान ने उन पर भारत का जासूस होने के आरोप लगाए हैं। भारत ने कहा कि पाकिस्तान ने इस मामले में वियना संधि का उल्लंघन किया है और कॉन्सुलर एक्सेस नहीं दिया है।
पाकिस्तान आज रखेगा अपना पक्ष : आईसीजे में 19 फरवरी को पाकिस्तान अपना पक्ष रखेगा। 20 फरवरी को भारत उसका जवाब देगा। 21 फरवरी को पाकिस्तान को फिर अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा। माना जा रहा है कि मई-जून 2019 अंतरराष्ट्रीय अदालत इस मामले में अपना फैसला सुना देगी।
आईएसजे में भारतीय राजनयिक ने पाक अधिकारी से नहीं मिलाया हाथ : अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में कुलभूषण जाधव के मामले की सुनवाई के पहले दिन भारतीय राजनयिक ने पाकिस्तानी अधिकारी से हाथ नहीं मिलाया बल्कि उन्हें ‘हाथ जोड़कर’ नमस्ते किया। सुनवाई से पहले, पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव दीपक मित्तल के पास गए और उनसे हाथ मिलाना चाहा, लेकिन मित्तल ने उनसे हाथ नहीं मिलाया बल्कि उन्हें ‘हाथ जोड़कर’ नमस्ते किया। मित्तल ने पाकिस्तान के विदेश दफ्तर के प्रवक्ता और दक्षिण एशिया एवं दक्षेस के महानिदेशक मोहम्मद फैसल को भी ‘हाथ जोड़कर’ नमस्ते किया।