kozhikode plane crash : नन्हे मेहमान की खुशखबरी का इंतजार कर रहे परिवार को मिली बेटे की मौत की खबर, मचा कोहराम

Webdunia
शनिवार, 8 अगस्त 2020 (23:44 IST)
मथुरा। यह महज संयोग ही है कि कैप्टन दीपक साठे के साथ दुबई से एयर इंडिया एक्सप्रेस का विमान लेकर कोझिकोड आए उनके सहयोगी पायलट अखिलेश शर्मा का घर का नाम भी दीपक है। यहां गोविंद नगर स्थित अखिलेश के घर में परिवार के सब लोग अगले कुछ दिनों में एक नए मेहमान के आगमन की उम्मीद को लेकर खुश थे, लेकिन कोझिकोड में हुए हादसे के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है।
 
विमान हादसे में अखिलेश की मौत की सूचना से स्तब्ध उनके पिता तुलसीराम शर्मा ने बताया कि उनकी बहू (अखिलेश की पत्नी) मेघा गर्भवती हैं और अगले एक-दो सप्ताह में कभी भी उनके घर नया मेहमान आ सकता है। शोक संतप्त परिवार को ढांढस बंधा रहे अखिलेश के मामा कमल शर्मा ने कहा कि इन दिनों सभी लोग नए मेहमान के आगमन की तैयारियों पर ही चर्चा करते थे किसी को क्या पता था कि इस तरह की खबर सुननी पड़ेगी।
 
उन्होंने कहा कि परिवार के सभी सदस्यों को जानकारी थी कि अखिलेश इस विमान को लेकर दुबई से कोझिकोड होते हुए कालीकट पहुंचे रहे हैं। शुक्रवार की रात करीब पौने आठ बजे जब इस हादसे की जानकारी परिजनों को जब मिली तो वे उनकी स्थिति को लेकर बेहद आशंकित हो गए थे।
 
कमल शर्मा ने बताया कि अखिलेश के बहनोई संदीप व छोटा भाई भुवनेश रात में ही कोझिकोड रवाना हो गए थे। उन्होंने जब अखिलेश के निधन का समाचार दिया तो मानो परिवार पर पहाड़ टूट गया। तभी से पूरे परिवार व आसपास के मोहल्ले में मातम छा गया है।

उनकी मां यह समाचार सुनकर सकते में हैं। उनकी हालत खराब है जबकि उनकी पत्नी को तो अभी तक यह जानकारी ही नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि किसी को भी इस बात का विश्वास नहीं हो पा रहा था कि अखिलेश अब कभी भी वापस नहीं आएगा।
 
मूलत: उत्तरप्रदेश के मथुरा जनपद के हाईवे क्षेत्र के गांव मोहनपुर-अड़ूकी निवासी तुलसीराम शर्मा से इन दिनों गांव छोड़कर शहर में थाना गोविंद नगर क्षेत्र में श्रीकृष्ण जन्मस्थान के निकट गोविंद नगर ‘बी’ सेक्टर में रहने लगे हैं। अखिलेश के परिवार में उनकी मां बाला देवी, पिता तुलसी राम शर्मा, पत्नी मेघा, एक विवाहित बड़ी बहन डॉली, दो छोटे भाई भुवनेश व लोकेश शर्मा शामिल हैं। अखिलेश की शादी दो वर्ष पूर्व धौलपुर के एक परिवार की लड़की से हुई थी।
 
तुलसीराम के अनुसार  अखिलेश बचपन से ही पायलट बनना चाहता था। उन्होंने बताया कि  उसने अमरनाथ विद्या आश्रम से 10 प्लस 2 की शिक्षा पूर्ण करने के बाद एविएशन इंजीनियरिंग का मार्ग चुना और दिसम्बर, 2017 में एयर इंडिया में नौकरी शुरू की।

इन दिनों वे भारत सरकार की कोविड-19 के तहत ‘वन्दे भारत मिशन’ में विदेश में बसे भारतीय नागरिकों को देश में उनके शहरों तक पहुंचाने के काम में जुटे हुए थे। इसी क्रम में वे शुक्रवार को दुबई हवाई अड्उे से कुल 190 (क्रू मेम्बर्स सहित) यात्रियों को लेकर कोझिकोड होते कालीकट की उड़ान पर थे कि यह हादसा हो गया।
 
शर्मा ने बताया कि अखिलेश का जन्म 1988 में हुआ था। अखिलेश को घर में दीपक नाम से ही बुलाया जाता था। उसने जीवन में पायलट बनने के सिवा और किसी व्यवसाय के बारे में सोचा भी नहीं था। लेकिन अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए इस प्रकार अपनी जान कुर्बान कर देगा, यह नहीं मालूम था। 
 
एयर इंडिया के तमाम अन्य कर्मचारियों/पायलटों की तरह वह भी ‘वंदे भारत मिशन’ के तहत कोविड-19 के कारण विदेशों में फंसे लोगों को घर ला रहा था, लेकिन कौन जानता था कि दूसरों को घर पहुंचाने, अपनों से मिलने का पुण्यकर्म करने वाला पायलट खुद कभी अपने घर नहीं लौट सकेगा। (भाषा) (Photo courtesy: Twitter)

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