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मसूद अजहर को क्यों नहीं मिला चीन का साथ, 3 मिनट में जानें कैसे भारत ने घेरा पाकिस्तान को

हमें फॉलो करें मसूद अजहर को क्यों नहीं मिला चीन का साथ, 3 मिनट में जानें कैसे भारत ने घेरा पाकिस्तान को
, गुरुवार, 2 मई 2019 (08:13 IST)
संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को बुधवार को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया। भारत के लिए यह एक बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है। मसूद अजहर के बचाव में दीवार की तरह खड़ा चीन भी आखिरकार झुक गया। चीन के कदम पीछे हटाते ही पाकिस्तान इस मामले में अकेला पड़ गया और उसे भी आखिरकार अपना रूख बदलने पर मजबूर होना पड़ा। 
 
अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन का प्रेशर : चीन हर बार मसूद के मुद्दे पर रोड़े अटकाता रहा, लेकिन इस बार भारत ने मुद्दे को नहीं छोड़ा और कामयाब भी हुआ। इसके पीछे भारत के अलावा अमेरिका, फ्रांस और यूके का बहुत बड़ा हाथ है, क्योंकि तीनों ने संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव दिया था। पुलवामा हमले के बाद चीन पर काफी दबाव बढ़ा था कि वह आतंकवाद पर दोहरा रवैया नहीं अपना सकता।
 
भारत-पाक के बीच तनाव बढ़ने से चीन को भी खतरा : चीन का पाक में ज्यादातर निवेश पाक के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में है। भारत-पाक के बीच तनाव बढ़ने से चीन को भी खतरा है और उसके जो प्रोजेक्ट पीओके में चल रहे हैं, उन पर असर पड़ सकता है। पुलवामा हमले के बाद भारत ने जिस तरह से एयरस्ट्राइक की, इससे भी चीन पर दबाव बढ़ा।
 
BRE प्रोजेक्ट पर भारत का विरोध नहीं चाहता था चीन : चीन चाहता है कि भारत उसके बेल्ट रोड इनीशिएटिव (बीआरआई प्रोजेक्ट) का विरोध न करे।  उल्लेखनीय है कि चीन के बीआरआई प्रोजेक्ट को अमेरिका ने एनाकोंडा बताया था, जबकि यूरोपिय यूनियन भी इसका विरोध करता रहा है।  भारत भी इस प्रोजेक्ट का शुरू से विरोध कर रहा है। चीन चाहता है कि भारत अब कम से कम बीआरआई प्रोजेक्ट का विरोध न करे। देखा जाए तो चीन ने मसूद अजहर को एक मोहरे के तौर पर सही समय पर इस्तेमाल किया है।
 
अमेरिका ने परोक्ष रूप से भी चीन को घेरा : अमेरिका ने इस मामले को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया था। उसने चीन पर अप्रत्यक्ष रूप से भी दबाव बनाना शुरू कर दिया था। चीन में मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार के मामले भी जोर शोर से उठाए जा रहे थे। आखिरकार चीन दबाव में आ गया और मसूद अजहर मामले में अपने कदम पीछे हटा लिए। 
 
चीन ने तोड़ा पाकिस्तान का भरोसा : पाकिस्तान को पूरा भरोसा था कि चीन संयुक्त राष्‍ट्र में मसूद अजहर को बचा लेगा। चीन ने पहले भी कई बार सफलतापूर्वक यह काम किया था लेकिन बढ़ते दबाव को देखते हुए चीन ने उस प्रस्ताव पर से अपनी रोक हटा ली है, जिसे फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका द्वारा संरा सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति में फरवरी में लाया गया था।
 
क्या बोला पाकिस्तान : पाकिस्तान ने बुधवार को कहा कि वह जैश ए मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर पर लगाए गए प्रतिबंधों को तत्काल लागू करेगा। पाकिस्तान ने यह भी कहा है कि वह अजहर पर प्रतिबंध के प्रस्ताव पर तभी राजी हुआ है जबकि पुलवामा हमले के साथ उसे (अजहर को) जोड़ने की कोशिश समेत सभी राजनीतिक संदर्भों को इस प्रस्ताव से हटा दिया गया।
 
क्या होगा मसूद अजहर का : वैश्विक आतंकवादी घोषित होने के बाद मसूद अजहर पर सख्त कार्रवाई होगी। वह किसी भी अन्य देश की यात्रा नहीं कर सकेगा। उसके सभी हथियार और संपत्ति भी जब्त कर ली जाएगी। 

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