मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के बाद अब पंजाब और कर्नाटक के किसान भी कर्ज माफी को लेकर सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में किसानों का आंदोलन हिंसक हो गया था इसमें 6 आंदोलनकारी किसानों की मौत हो गई थी और दर्जनों अन्य लोग घायल हो गए थे। इसमें पुलिसकर्मी और आम नागरिक भी शामिल हैं।
आंदोलन के दौरान सड़कों पर सब्जियां और दूध फेंकने के नजारे आम थे। जिसके चलते लोगों को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। साथ ही दूध और सब्जियां नहीं बिक पाने के कारण छोटे किसान भी आर्थिक रूप से टूट गए थे। इस बीच, एनसीपी नेता शरद पवार ने केन्द्र की भाजपा सरकार पर दबाव बनाते हुए कहा है कि बिना देरी किए तुरंत कर्जमाफी की व्यवस्था की जानी चाहिए।
यूपी फार्मूले न दिखाई आंदोलन की राह : यूपी सरकार ने किसानों की कर्जमाफी का फैसला किया है। उसी राह पर चलते हुए महाराष्ट्र की भाजपा सरकार ने भी कर्ज माफी का निर्णय लिया है। भाजपा शासित इन दो राज्यों के कर्ज माफी के कदम के बाद अब अन्य राज्यों के किसान भी यही मांग कर रहे हैं। इसी कड़ी में पंजाब और कर्नाटक के किसान सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं।
क्या है यूपी फार्मूला : यूपी में 36 हजार करोड़ का किसान कर्ज माफ करने के बाद अन्य राज्यों के किसानों को भी अपनी सारी मुश्किलों का हल इसी में दिखने लगा है। महाराष्ट्र की सरकार को भी किसानों के आगे झुकना पड़ा है। मुंबई में किसान संगठन और राज्य सरकार के ग्रुप ऑफ मिनिस्टर की बैठक के बाद कर्ज माफी का फैसला हो गया। मोटे तौर पर सहमति ये बनी है कि स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट के आधार पर महाराष्ट्र में कर्ज माफी होगी। स्वामीनाथन आयोग ने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की सिफारिश की थी।
क्या कहती हैं सिफारिशें :
* जिन किसानों के पास 5 एकड़ जमीन है, उनकी कर्ज माफी फौरन की जाएगी।
* जिन किसानों की जमीन 5 एकड़ से ज्यादा है, उनके कर्ज की माफी के लिए समिति बताएगी कि कैसे कर्ज माफ किया जाए।
* इस बार की फसल के लिए नया ऋण तुरंत दिया जाएगा।
* सरकार ने किसानों के लिए दूध के दाम बढ़ाने पर सहमति दी है। सरकार 20 जुलाई तक दूध के लिए नई नीति भी लाएगी।
* आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मामले वापस लिए जाएंगे।
एक जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र के 1 करोड़ 36 लाख किसानों पर करीब 1 लाख 14 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। इनमें से करीब 31 लाख छोटे किसानों की कर्जमाफी पर 30 हजार करोड़ रुपए का बोझ सरकार पर पड़ेगा। महाराष्ट्र सरकार पर पहले से 4 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। ऐसे में सवाल यह भी उठाया जा रहा है कि कर्ज माफी के लिए सरकार के पास पैसा कहां से आएगा।