किसान आंदोलन में कोर्ट के फैसले के बाद एक नया एंगल आ गया है। किसान नेता राकेश टिकैत ने कोर्ट के फैसले से असहमति जाहिर की है। ऐसे में अब आंदोलन को लेकर विवाद और ज्यादा गहरा सकता है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारी किसानों से वार्ता के लिए चार सदस्यों वाली एक कमेटी का गठन किया है, लेकिन इस बीच किसान संगठनों ने कमेटी को लेकर असहमति जताई है। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि देश के किसान कोर्ट के फैसले से निराश हैं।
अशोक गुलाटी की अध्यक्षता में कमेटी ने सिफारिश की थी। गुलाटी ने ही कृषि कानूनों की सिफारिश की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारी किसानों से वार्ता के लिए चार सदस्यों वाली एक कमेटी का गठन किया है। लेकिन इस बीच किसान संगठनों ने कमेटी को लेकर असहमति जताई है। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि देश के किसान कोर्ट के फैसले से निराश हैं। अशोक गुलाटी की अध्यक्षता में कमेटी ने सिफारिश की थी। गुलाटी ने ही कृषि कानूनों की सिफारिश की थी।
राकेश टिकैत ने ट्वीट किया, 'माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित कमेटी के सभी सदस्य खुली बाजार व्यवस्था या कानून के समर्थक रहे हैं। अशोक गुलाटी की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने ही इन कानून को लाये जाने की सिफारिश की थी। देश का किसान इस फैसले से निराश है
राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों की मांग कानून को रद्द करने व न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाने की है। जब तक यह मांग पूरी नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का परीक्षण कर कल संयुक्त मोर्चा आगे की रणनीति की घोषणा करेगा।
राकेश टिकैत ने कहा, 'हमें कमेटी पर एतराज नहीं है, लेकिन कमेटी लोग कौन हैं उनकी विचारधारा क्या है, उस पर ऐतराज है' भूपिंदर सिंह मान के नाम पर भी टिकैत ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि, 'भूपिंदर सिंह मान जो कि पिछले 25 साल से अमेरिकन मल्टीनेशनल कंपनियों की वकालत करता हो, वो हिन्दुस्तान के किसानों के भाग्य का फैसला करेगा, ये कौन लोग हैं'