Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

केदारनाथ, यमुनोत्री के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद

हमें फॉलो करें केदारनाथ, यमुनोत्री के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद
रुद्रप्रयाग/उत्तरकाशी , बुधवार, 15 नवंबर 2023 (23:14 IST)
Kedarnath, Yamunotri doors closed for winter : उत्तराखंड में स्थित विश्व प्रसिद्ध उच्च गढ़वाल हिमालयी धामों केदारनाथ और यमुनोत्री के कपाट बुधवार को भैयादूज के पावन पर्व पर परंपरागत पूजा-पाठ और विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।
 
भारतीय सेना के बैंड की भक्तिमय स्वर लहरियों के बीच केदारनाथ मंदिर के कपाट सुबह साढ़े आठ बजे शीतकाल के लिए बंद किए गए। कपाट बंद होने के मौके पर कड़ाके की ठंड के बावजूद ढाई हजार से अधिक तीर्थयात्री भगवान के दर्शनों के लिए केदारनाथ में मौजूद थे और 'जय केदार', 'बम बम भोले' और 'ऊं नम: शिवाय' का उदघोष कर रहे थे।
 
इस अवसर पर केदारनाथ मंदिर को विशेष रूप से फूलों से सजाया गया था। पिछले दिनों हुई बर्फबारी के चलते केदारनाथ पुरी और आसपास का इलाका ताजे बर्फ से ढंका है और ठंडी हवाएं चलने से कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। इस अवसर पर भारतीय सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस तथा दानदाताओं ने तीर्थयात्रियों के लिए भंडारे भी आयोजित किए।
 
बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि इस साल साढ़े उन्नीस लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किए। कपाट बंद होने के बाद अब श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन और पूजा उनके शीतकालीन प्रवास स्थल ओंकारेश्वर मंदिर में कर सकेंगे।
 
गढ़वाल हिमालय के चार धामों में शामिल एक अन्य धाम यमुनोत्री के कपाट भी बुधवार को विधिवत पूजा-अर्चना के बाद अपराहन 11:57 पर श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए। अब सर्दियों के दौरान छह माह तक मां यमुना के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास स्थल खुशीमठ (खरसाली) गांव में होंगे।
 
गंगोत्री धाम के कपाट मंगलवार को अन्नकूट के पर्व पर बंद हुए थे जबकि बद्रीनाथ मंदिर के कपाट 18 नवंबर को बंद होंगे। सर्दियों में बर्फबारी और भीषण ठंड की चपेट में रहने के कारण चारधामों के कपाट हर साल अक्टूबर-नवंबर में श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं जो अगले साल अप्रैल-मई में फिर खोल दिए जाते हैं। (भाषा) Edited By : Chetan Gour 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Rajasthan Election : 102 वर्षीय भूरी देवी और 98 वर्षीय खियाराम ने मत देकर लोकतंत्र में निभाई भागीदारी