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कठुआ कांड : आरोपियों ने कर दी थी दरिंदगी की हदें पार, जानिए पूरा घटनाक्रम

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, सोमवार, 10 जून 2019 (12:54 IST)
पठानकोट (पंजाब)। जम्मू-कश्मीर के कठुआ में खानाबदोश समुदाय की 8 साल की एक लड़की से बलात्कार और फिर उसकी हत्या कर दिए जाने के मामले में एक विशेष अदालत ने सोमवार को 6 लोगों को दोषी करार दिया। मुख्य आरोपी सांजीराम के बेटे (सातवें आरोपी) विशाल को बरी कर दिया गया। मामले में बंद कमरे में हुई सुनवाई 3 जून को पूरी हुई थी। इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। इस घटना के बाद देशभर में प्रदर्शन भी हुए थे। देश की प्रसिद्ध हस्तियों ने सोशल मीडिया पर न्याय को लेकर आवाज उठाई थी। आरोप पत्र के अनुसार आरोपियों ने बच्ची के साथ दरिंदगी की सारी हदें पार कर दी थीं। पेश है पूरा घटनाक्रम- 
 
- पंद्रह पृष्ठों के आरोप पत्र के अनुसार 10 जनवरी 2018 को अगवा की गई घुमंतू समुदाय की 8 साल की बच्ची को कठुआ जिले में एक गांव के मंदिर में बंधक बनाकर रखा गया और उससे सामूहिक बलात्कार किया गया। उसे जान से मारने से पहले 4 दिन तक बेहोश कर रखा गया।
 
- आरोप है कि 13 जनवरी को उसकी हत्या कर दी गई थी।
 
- कठुआ के गांव के इस मंदिर के संरक्षक और दो पुलिसकर्मियों समेत आठ लोगों को करीब दो महीने बाद उनकी कथित संलिप्तता को लेकर गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में मामला बड़ा हो गया।
 
- चार्जशीट के मुताबिक रेप के बाद उसकी हत्या कर दी गई। मारने के बाद भी आरोपियों ने यह सुनिश्चित करने के लिए कि मासूम मर जाए, उसके सिर पर पत्थर से कई वार किए। बाद में जांच के दौरान राम ने पुलिसकर्मियों को मामला दबाने के लिए 1.5 लाख रुपए की रिश्वत भी दी जबकि मामले में कार्रवाई रिपोर्ट लिखने के करीब 2 महीने बाद शुरू हुई।
 
- जम्मू कश्मीर के तत्कालीन विपक्षी नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से उनके मंत्रिमंडल के दो सदस्यों को बर्खास्त करने की मांग की थी। इन मंत्रियों ने कठुआ बलात्कार और हत्या मामले में आरोपियों का बचाव करने का कथित तौर पर प्रयास किया था।
 
- जम्मू से करीब 100 किलोमीटर और कठुआ से 30 किलोमीटर दूर पड़ोसी राज्य पंजाब के पठानकोट में जिला एवं सत्र अदालत ने पिछले साल जून के पहले सप्ताह में इस मामले की रोजाना सुनवाई शुरू की थी। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई जम्मू कश्मीर से बाहर किए जाने का आदेश दिया था।
 
- जिन लोगों को इसमें आरोपी ठहराया गया है, उनमें गांव का सरपंच सांजीराम, उसका नाबालिग भतीजा आनंद दत्ता और 2 विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया तथा सुरेंदर वर्मा शामिल हैं। हेड कांस्टेबल तिलकराज और सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता को भी दोषी ठहराया गया है जिन्होंने सांजीराम से 4 लाख रुपए लिए और अहम सबूत नष्ट कर दिए।

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