कर्नाटक में 13 विधायकों के इस्तीफे के बाद सियासी नाटक और गहराता जा रहा है। 13 महीने पुरानी कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार को बचाने के लिए दोनों पार्टियों ने बड़ा सियासी दांव चला है। गठबंधन सरकार में कांग्रेस के सभी 22 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। इसके कुछ देर बाद जेडीएस के 10 मंत्रियों ने भी इस्तीफा दे दिया है। अब नए सिरे से कैबिनेट का गठन किया जाएगा। पेश है घटनाक्रम का ताजा हाल-
- राज्यसभा में कर्नाटक के चल रहे सियासी संकट को लेकर हगामा, 2 बजे तक स्थगित हुई कार्रवाई।
राज्यपाल पर लगाया खरीद-फरोख्त का आरोप : कर्नाटक के उप-मुख्यमंत्री जी. परमेश्वर ने राज्यपाल वजुभाई वाला पर आरोप लगाया कि वह राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त को बढ़ावा दे रहे हैं। परमेश्वर का यह बयान जद (एस) और कांग्रेस के विधायकों के इस्तीफों और उसके कारण राज्य की गठबंधन सरकार के लिए पैदा हुए खतरे के बीच आया है।
उन्होंने कहा कि जब विधायक इस्तीफा सौंपने गए थे तो हमारे राज्यपाल को उनसे दो घंटे तक बातचीत करने की कोई जरूरत नहीं थी। परमेश्वर ने कहा कि आपने जो तस्वीर प्रकाशित की है उसमें राज्यपाल पुलिस अफसर के साथ बैठे हैं। क्या किसी विधायक को कोई खतरा था, यदि किसी विधायक ने सुरक्षा मांगी होती तो पुलिस सुरक्षा की बात उठती लेकिन राज्यपाल ने पुलिस आयुक्त को बुलाया और दो घंटे तक विधायकों के साथ चर्चा करते रहे।
उन्होंने कहा कि ऐसे हालात में मजबूरन हमें कहना पड़ रहा है कि विधायकों की खरीद-फरोख्त के लिए आप (राज्यपाल) जिम्मेदार हैं। कांग्रेस नेता के इस बयान की आलोचना करते हुए भाजपा विधायक आर. अशोक ने कहा कि इस विवाद में राज्यपाल का नाम घसीटा जाना बहुत निंदनीय है।
- बागी विधायक बार-बार बदल रहे हैं ठीकाना, गोवा की बजाय अब पुणे में रुके।
- कर्नाटक में सियासी उठापटक के बीच बीजेपी सरकार बनाने की पूरी कोशिश में हैं। बीजेपी ने मुरुगेश निरानी, उमेश कट्टी, जेसी मधुस्वामी और के रत्न प्रभा येदियुरप्पा के घर पहुंचे।
- विधानसभा अध्यक्ष लेंगे विधायकों के इस्तीफे पर फैसला।
- पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने सीएम कुमारस्वामी से इस्तीफा मांगा है।
- खबरों के अनुसार विधायकों के गोवा शिफ्ट होने का प्लान बदल गया है।
- कांग्रेस-जेडीएस के 14 बागी विधायक मुंबई से गोवा शिफ्ट हुए।
- भाजपा में जाने को तैयार एक MLA।
- एकमात्र निर्दलीय विधायक नागेश ने सोमवार को अपना मंत्री पद छोड़ दिया है, उन्होंने अपना इस्तीफा भी राज्यपाल को भेज दिया। ऐसे में सरकार अल्पमत में आ गई है।