हिंदी फिल्मों के लवर बॉय ऋषि कपूर के निधन के बाद न सिर्फ बॉलीवुड में बल्की पूरे भारत में शोक है। ऋषि कपूर अक्सर अपने ट्विटर अकांउट से प्रधानमंत्री मोदी के समर्थन में ट्वीट किए हैं। अपने इंटरव्यू में वे प्रधानमंत्री की खुलकर कई बार तारीफ भी कर चुके हैं।
लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि ऋषि कपूर भारत के दुश्मन देश पाकिस्तान के लिए भी बेहद भावुक थे। मरने से पहले न सिर्फ वे अकेले बल्की अपने पूरे परिवार को पाकिस्तान ले जाना चाहते थे। आखिर ऋषि कपूर को क्यों पाकिस्तान से इतना लगावा था, क्या था इसके पीछे कारण। दरसअल, पाकिस्तान से ऋषि कपूर का पुराना नाता रहा है। कपूर खानदान की जड़ें पाकिस्तान में रही हैं और ऋषि को भी बेहद लगाव था। पाकिस्तान के पेशावर में कपूर हवेली है, जहां ऋषि कपूर के पिता शो मेन राज कपूर का जन्म हुआ था।
बस अपनी इसी याद के चलते ऋषि कपूर एक बार पाकिस्तान जाना चाहते थे और अपने सभी बच्चों समेत पूरे परिवार को कपूर हवेली दिखाना चाहते थे। ताकि वे समझ सकें कि अपनी जड़ों का क्या मतलब होता है।
कुछ समय पहले ऋषि ने एक बार ट्वीट भी किया था कि वह मरने से पहले एक बार पाकिस्तान जाना चाहते हैं।
पाकिस्तान ने इस हवेली को साल 2018 में एक म्यूजियम में तब्दील कर दिया था।
साल 2016 में ऋषि ने अपनी एक पुरानी तस्वीर शेयर की थी जिसमें वह पेशावर हवेली में खड़े दिख रहे थे। उन्होंने लिखा था,
'उनके किसी प्रशंसक ने यह तस्वीर भेजी थी। तस्वीर में रणबीर और मैं पेशावर में कपूर हवेली के बाहर दिख रहे हैं। जैसा तस्वीर में दिख रहा है कि हमारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया था।'
इसके बाद साल 2017 में उन्होंने एक ट्वीट में ख्वाहिश जाहिर की थी,
'मैं 65 साल का हूं और मरने से पहले पाकिस्तान देखना चाहता हूं। मैं चाहता हूं कि मेरे बच्चे अपनी जड़ें देखें। बस करवा दीजिए। जय माता दी।'
क्या है हवेली का इतिहास
दरअसल, कुछ समय पहले ऋषि कपूर ने पाकिस्तान सरकार से निवेदन किया था कि उनकी पुश्तैनी हवेली को म्यूजियम में तब्दील कर दिया जाए। पेशावर के कीसा ख्वानी बाजार में यह घर है। कपूर हवेली को बशेश्वरनाथ कपूर ने बनाया था। बशेश्वरनाथ कपूर ऋषि के दादा थे और पृथ्वीराज कपूर के पिता। पृथ्वीराज कपूर के बेटे राज कपूर का जन्म पेशावर की इसी हवेली में 14 दिसंबर, 1924 को हुआ था। 1947 में भारत पाकिस्तान बंटवारे के बाद कपूर खानदान पेशावर से भारत आ गया था।