नई दिल्ली। दिल्ली सरकार में मंत्री पद से बर्खास्त किए गए आप विधायक कपिल मिश्रा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उन्हीं के हथियारों से घेरने की रणनीति अपनाई है। इसके लिए मिश्रा ने भ्रष्टाचार विरोधी मंच 'इंडिया अगेंस्ट करप्शन' (आईएसी) और जनमत संग्रह को हथियार बनाया है।
आईएसी वही मंच है जिसके माध्यम से केजरीवाल ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को घेरते हुए आंदोलन से राजनीति में आने का सफर तय किया और सत्ता में आने पर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के मामले में जनमत संग्रह कराने को कहा था।
केजरीवाल द्वारा गठित आम आदमी पार्टी (आप) के दिल्ली में सत्तारूढ़ होने पर पार्टी द्वारा आईएसी से नाता तोड़ने के बाद संगठन लगभग निष्क्रिय था। लेकिन अब कपिल मिश्रा ने केजरीवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुद्दा मुखरता से उठाने के लिए आईएसी के मंच को पुनर्जीवित कर दिया है। मिश्रा ने कहा कि वे केजरीवाल के खिलाफ आईएसी के मंच से आंदोलन की शुरुआत उनके भ्रष्टाचार पर जनमत संग्रह से करेंगे।
आप के गठन से नाराज आईएसी के पुराने नेताओं ने सोमवार को यहां मिश्रा के साथ बैठक कर केजरीवाल सरकार में भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन तेज करने की रूपरेखा बनाई। इसके तहत दिल्ली के सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में रैली करने, 5 मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्रों में उनके भ्रष्टाचार की प्रदर्शनी लगाने और केजरीवाल के विधानसभा क्षेत्र नई दिल्ली में जनमत संग्रह कराया जाएगा।
मिश्रा ने कहा कि जल्द ही संगठन के मंच से इस कार्ययोजना का सोमवार शाम को खुलासा किया जाएगा। केजरीवाल ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन के मंच का दुरुपयोग कर सत्ता तक का सफर तय किया है। अब आंदोलन के माध्यम से ही उनके भ्रष्टाचार को सार्वजनिक किया जाएगा।
मिश्रा ने बताया कि आप नेता कुमार विश्वास ने 3 दिन के अंदर पार्टी और दिल्ली सरकार के भ्रष्टाचार की शिकायतों पर अपना रुख स्पष्ट करने का भरोसा दिलाया है। सोमवार को ही विश्वास को उन्होंने आप सरकार में भ्रष्टाचार के सबूतों के तौर पर 16 हजार पेज वाला दस्तावेज भेजा है। अब उन्हें विश्वास के जवाब का इंतजार है। (भाषा)