नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि असम में कामाख्या देवी के मंदिर का रखरखाव ठीक से नहीं किया जा रहा है। शीर्ष अदालत ने साथ ही कहा कि स्वच्छता से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता। न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति सी.टी. रविकुमार की पीठ मंदिर के रखरखाव से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रही थी।
न्यायमूर्ति रस्तोगी ने कहा कि मैं छुट्टियों के दौरान वहां गया था और मंदिर का रखरखाव तब भी ठीक से नहीं किया जा रहा था। यह मेरी निजी राय है। लेकिन स्वच्छता से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता है। मंदिर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने कहा कि यह एक ऐसा मामला है, जहां केवल कुछ लोगों ने पत्र लिखकर कहा है कि स्वच्छता का ध्यान नहीं रखा जा रहा है।
उन्होंने अदालत को बताया कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जैसे विशेषज्ञ निकायों को शामिल कर मंदिर के रखरखाव का कार्य किया जा रहा है। शीर्ष अदालत ने दोनों पक्षों के बीच संभावित सौहार्दपूर्ण समाधान को सक्षम बनाने के मकसद से मामले की सुनवाई को जनवरी 2023 तक के लिए टाल दिया।
Edited by: Ravindra Gupta(भाषा)