कोरोना वायरस ने न सिर्फ जिंदगी के किसी एक हिस्से को प्रभावित किया है बल्कि जिन लोगों के भविष्य की अभी शुरुआत भी नहीं हुई थी ऐसे नौजवानों के सपने भी टूट गए हैं।
दरसअल, कोरोना संकट काल में दर्जनों ऐसे कॉलेज हैं, जिनके सैकड़ों बच्चों के कैंपस सिलेक्शन रद्द कर दिए गए हैं। कंपनियों ने कहा कि हमारी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रह गई है, ऐसे में ऑफर दे पाना बहुत मुश्किल हो गया है।
इधर कॉलेज की तरफ से पूरी कोशिश की जा रही है कि किसी तरह ज्यादातर छात्रों की कहीं ना कहीं नौकरी लग जाए। खासतौर से उन छात्रों की नौकरी पहले लगे, जिनके ऑफर कैंसल कर दिए गए हैं।
हालांकि मीडिया रिपोर्ट के मुताबकि नौकरी तलाशने में सोशल मीडिया अब अहम भूमिका निभा रहा है। दर्जनों ऐसे छात्र हैं, जिन्होंने ऑनलाइन प्रोफाइल अपलोड किया और अब उनके पास नौकरी के मौके मिल रहे हैं।
मीडिया के मुताबिक आईआईटी रुरकी के आकाश को बेंगलुरू की एक स्टार्टअप कंपनी में नौकरी मिली थी।
कोरोना के कारण ऑफर रिवोक कर दिया गया। बाद में लिंक्डइन की मदद से उन्हें इंटरव्यू के दूसरे मौके मिले और एक कंपनी से नौकरी का ऑफर भी मिला है।
इकनॉमिक टाइम्स के मुताबकि इस साल जितने भी छात्र पास होकर निकल रहे हैं, उन्हें कहीं भी मौका मिलता है तो वे उसका तुरंत फायदा उठा रहे हैं, क्योंकि देश के प्रीमियम संस्थानों के छात्रों को मिले ऑफर भी कैंसल हो रहा हैं। आईआईटी मद्रास में इस साल 924 छात्रों को जॉब ऑफर मिले थे, जिसमें से 16 कैंसल कर दिए गए हैं।
आईआईटी दिल्ली 1000 से ज्यादा बच्चों को जॉब मिले थे, जिसमें सिंगल डिजिट यहां भी कैंसल हुए हैं। बिट्स पिलानी में इस साल 2 हजार से ज्यादा छात्रों को ऑफर मिले थे, जिसमें से 38-39 ऑफर कैंसल कर दिए गए हैं।