नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अतुल जौहरी को आज इस प्रतिष्ठित संस्थान की कई छात्राओं के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि कुछ घंटों के भीतर ही यहां की एक अदालत ने उन्हें जमानत दे दी।
कुछ छात्राओं द्वारा प्रोफेसर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए जाने के बाद छात्र, प्रोफेसर और महिला अधिकार संगठन उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। दिल्ली पुलिस के मुख्य प्रवक्ता दीपेन्द्र पाठक ने बताया कि वसंत कुंज थाने में तीन घंटे तक पूछताछ के बाद जौहरी को गिरफ्तार कर लिया गया। लाइफ साइंसेस विभाग के जौहरी को ड्यूटी मजिस्ट्रेट ऋतु सिंह की अदालत में पेश किया गया।
मजिस्ट्रेट ने जौहरी की जमानत की अर्जी मंजूर करते हुए प्रोफेसर को उनके खिलाफ दर्ज आठ प्राथमिकियों में प्रत्येक के लिए 30-30 हजार रुपए का मुचलका भरने का आदेश दिया। प्रोफेसर ने जमानत याचिका दायर करते हुए कहा कि जेल भेजे जाने से उनका करियर बर्बाद हो जाएगा।
पुलिस के अधिकारी ने बताया, दिल्ली पुलिस ने जमानत याचिका का विरोध किया, क्योंकि शिकायतकर्ताओं ने आरोपी द्वारा धमकाए जाने की शंका जाहिर की क्योंकि उनके पास जेएनयू में विभिन्न प्रशासनिक पद हैं। उन्होंने बताया, दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने इस शर्त पर आरोपी को जमानत दी कि वह किसी भी तरह से जांच को प्रभावित करने या शिकायतकर्ताओं को धमकाने का काम नहीं करेंगे।
कल जेएनयू के 54 प्रोफेसरों ने जौहरी के खिलाफ दर्ज कराई सभी आठ शिकायतों के लिए अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कराए जाने की मांग की थी। उन्होंने इस संबंध में पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पश्चिम) मिलिंद दुम्बरे के कार्यालय में भी आवेदन दिया। जौहरी के खिलाफ कल रात सात और प्राथमिकी दर्ज की गई जबकि उनके खिलाफ एक मामला पहले ही दर्ज कर लिया गया था।
इससे पहले प्रोफेसर की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कल जेएनयू के छात्रों ने वसंत कुंज थाने के बाहर प्रदर्शन किया। वहीं ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक वीमेन्स एसोसिएशन और ऑल इंडिया महिला सांस्कृतिक संगठन सहित महिला अधिकार संगठनों ने इस मुद्दे को लेकर थाने के बाहर प्रदर्शन किया। (भाषा)