नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में रविवार को 'कारगिल विजय दिवस' मनाया गया। बता दें साल कि 1999 में हुए कारगिल युद्ध में भारतीय सैनिकों की शहादत की याद में 'कारगिल विजय दिवस' मनाया जाता है।
इस मौके पर केंद्रीय मंत्रियों की मौजूदगी में जेएनयू के वाइस चांसलर एम. जगदीश कुमार ने सरकार ने यूनिवर्सिटी के एक टैंक खड़ा करने की मांग की। कुमार के मुताबिक यह टैंक जेएनयू स्टूडेंट्स में सेना के प्रति प्रेम की भावना जगाएगा।
अंग्रेजी अखबार 'टाइम्स ऑफ इंडिया' के मुताबिक यह कार्यक्रम एचआरडी मिनिस्ट्री के विजय वीरता अभियान का हिस्सा था। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और वीके सिंह भी शरीक हुए। क्रिकेटर गौतम गंभीर और पूर्व सैनिकों के संगठन 'वेटरंस इंडिया' के सदस्यों ने भी भाग लिया। इस मौके पर गंगा ढाबे से लेकर कन्वेंशन सेंटर तक 2,200 फुट लंबा तिरंगा लेकर एक मार्च निकाला गया।
इस मौके पर धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि वे जेएनयू में बदलाव को देखकर हैरान हैं। यहां अब 'भारतमाता की जय' जैसे नारे गूंजने लगे हैं। कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट की वकील मोनिका डोगरा, मेजर जनरल (रिटायर्ड) जीडी बख्शी और लेखक राजीव मल्होत्रा ने भाग लिया।
क्रिकेट गौतम गंभीर ने एक बार फ्रीडम ऑफ स्पीच से जुड़ी बहस छेड़ते हुए कहा कि मैं फ्रीडम ऑफ स्पीच मैं यकीन रखता हूं, लेकिन कुछ चीजें जैसे कि राष्ट्रीय ध्वज के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। सेना के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि युवाओं को 26 जुलाई (शहीदी दिवस) और इसके महत्व के बारे में बताया जाना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा कि भारत पर कोई बाहरी आक्रमणकारी गद्दारों की मदद के बिना हमला नहीं कर सका है। हमें यह समझना होगा कि अगर हम एक हैं तो हमें कोई नहीं हरा सकता है, वहीं लोगों को संबोधित करते हुए जीडी बख्शी ने जेएनयू पर जीत का ऐलान किया, इसके लिए उन्होंने वीसी को सारा क्रेडिट दिया। उन्होंने कहा कि अभी जादवपुर और हैदराबाद यूनिवर्सिटी जैसे किले बाकी हैं जिन पर हमारी आर्मी जल्द ही कब्जा कर लेगी। (एजेंसी)