प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विरोध और कांग्रेस के समर्थन से विधायक बने दलित चेहरे जिग्नेश मेवाणी को अब एनकाउंटर का डर सता रहा है। इस बात की आशंका उन्होंने ट्विटर पर भी जाहिर की है।
बनासकांठा के वडगांव से निर्दलीय विधायक यह आशंका एक वाट्सएप ग्रुप की चैट वायरल होने के बाद व्यक्त की है। उन्होंने अपनी सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़े किए हैं।
इस वाट्सएप ग्रुप का नाम एडीआर पुलिस एंड मीडिया है, जिससे मीडिया और पुलिस के लोग जुड़े हुए हैं। वाट्सएप पर वायरल हुए वीडियो में पुलिसवालों का ग्रुप एक शख्स की पिटाई कर रहा है, जबकि दूसरा वीडियो उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ का है जिसमें वह यूपी पुलिस द्वारा किए जा रहे एनकाउंटर के सवालों का जवाब दे रहे हैं।
वीडियो के सामने आने के बाद अहमदाबाद ग्रामीण के उपपुलिस अधीक्षक का मैसेज आता है, जिसमें वह कहते हैं कि जो लोग पुलिस के बाप बनना चाहते हैं, उसे लखोटा कहते हैं। पुलिस का वीडियो बनाते हैं उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि उन जैसे लोगों के साथ पुलिस इसी तरह पेश आएगी। उन्हें अंजाम भुगतना पड़ेगा। इस मैसेज को अहमदाबाद के पुलिस अधीक्षक ने भी थम्सअप इमोजी दिया था।
इस पर सफाई देते हुए सफाई देते हुए उन्होंने कहा- मैंने केवल इस मैसेज को कॉपी पेस्ट करके दूसरे ग्रुप में फॉरवर्ड किया है। इसकी गलत तरीके से व्याख्या की जा रही है। इस वायरल वाट्सएप बातचीत पर जिग्नेश मेवानी ने ट्वीट कर लिखा- जिग्नेश मेवानी का एनकाउंटर?
जिग्नेश ने ट्वीट कर कहा है कि मैं एक वेब पोर्टल की लिंक दे रहा हूं जिसने वाट्सएप बातचीत का खुलासा किया है, जिसमें दो पुलिस अधिकारी इस बात की चर्चा कर रहे हैं कि कैसे मुझे एनकाउंटर में मारा जा सकता है। क्या आप इस पर विश्वास करेंगे? उन्होंने आगे कहा कि यह एक गंभीर मसला है। मैं इसकी शिकायत डीजीपी, गृह मंत्रालय और गृह सचिव से करूंगा।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में गुजरात विधानसभा के सत्र में जिग्नेश मेवाणी ने अध्यक्ष के आसन तक पहुंचकर काफी आक्रामकता दिखाई थी। बाद में अध्यक्ष ने उन्हें तीन बार समझाया था और कहा था कि अब उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।