जम्मू। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख 31 अक्टूबर से देश के दो नए केंद्र शासित राज्य हो जाएंगे। इसके बाद इन दोनों जगहों की प्रशासन और व्यवस्था बदले हुए कानून के अंतर्गत काम करेगी।
अब इन जगहों पर रणबीर पेनल कोड की जगह आईपीसी और सीआरपीसी की धाराएं काम करेंगी। इसके साथ ही केन्द्र सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख रीजन में जो मौजूदा साढ़े तीन लाख सरकारी कर्मचारी काम कर रहे हैं वे आने वाले कुछ महीनों तक मौजूदा व्यवस्था के तहत ही अपने-अपने इलाकों में काम करते रहेंगे। केन्द्र सरकार के मुताबिक दोनों नए केन्द्र शासित राज्यों में बदलाव की यह प्रक्रिया बेहद सादगी भरे समारोह में होगी।
5 अगस्त के बाद से करीब ढाई महीने तक देश के दो नए केन्द्र शासित राज्यों को बनाने के लिए एक सघन प्रक्रिया चली, जिसमें भारत सरकार के सारे मत्रालयों के अपनी भागीदारी का भरोसा दिया।
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का बराबर विकास हो, इस प्राथमिकता के साथ दोनों केन्द्र शासित राज्यों के गठन की प्रक्रिया पर काम किया गया।
फिलहाल 31 अक्टूबर से दोनों केंद्र शासित राज्य जम्मू-कश्मीर और लद्दाख प्रशासन को आदेश दिया गया है कि सारे महत्वपूर्ण सरकारी दफ्तरों में सरदार पटेल की तस्वीर लगाई जाए जो एकता का प्रतीक होगी।
इसी दिन बेहद सादगी भरे समारोह के तहत लेह में लद्दाख केन्द्र शासित राज्य के राज्यपाल राधा कृष्ण माथुर और श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर केन्द्र शासित राज्य के राज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू अपना पद संभालेंगे जबकि यहां अब उर्दू की बजाय हिन्दी में काम होगा।
ये होंगे खास बदलाव : पुलिस व्यवस्था-जम्मू कश्मीर में डीजीपी का मौजूदा पद कायम रहेगा जबकि लद्दाख में इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस वहां के पुलिस का मुखिया होगा। दोनों ही केंद्र शासित राज्यों की पुलिस केंद्र सरकार के निर्देश पर काम करेगी।
हाईकोर्ट-फिलहाल जम्मू-कश्मीर की श्रीनगर और जम्मू बेंच मौजूदा व्यवस्था के अंतर्गत काम करेंगी और लद्दाख के मामलों की सुनवाई भी अभी की तरह ही होगी। चंडीगढ़ की तर्ज पर इसे लागू करने का फैसला लिया गया है।
केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती-आने वाले दिनों में भी इन दोनों केन्द्र शासित राज्यों में केन्द्र सरकार के निर्देश पर ही केन्द्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती होगी।
आयोग का कामकाज-जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में फिलहाल जो आयोग काम कर रहे थे, अब उनकी जगह केन्द्र सरकार के आयोग अपनी भूमिका निभाएंगे।
विधायिका का कामकाज-दोनों केन्द्र शासित राज्यों में एलजी की भूमिका प्रमुख होगी और उन्हीं की अनुमति से महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे।
कर्मचारियों को लेकर बाद में होगा फैसला : केन्द्र सरकार जल्द ही इन दोनों केन्द्र शासित राज्यों के सरकारी कर्मचारियों से उनके काम करने के प्राथमिकता की जगह पूछेगी और फिर आने वाले दिनों में उस हिसाब से तैनाती की जाएगी।
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए गृह मंत्रालय ने संयुक्त सचिव के स्तर के एक नए अधिकारी की तैनाती की मांग की है।
साथ ही गृह मंत्रालय में पहली बार जम्मू-कश्मीर के अलावा लद्दाख सेक्शन भी खोला गया है। सरकार की योजना के मुताबिक लद्दाख डिवीजन के विकास के लिए केंद्र सरकार जल्दी एक बड़े पैकेज की घोषणा करने जा रही है और उससे पहले लद्दाख डिवीजन में गवर्नर के दो एडवाइजर भी नियुक्त किए जाएंगे।
नई व्यवस्था के तहत आने वाले दिनों में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए यूनियन टेरिटरी के अफसर तैनात किए जाएंगे यानी कुल मिलाकर अब यूटी कैडर के अधिकारी लद्दाख से लेकर अंडमान तक तैनात होंगे। दिल्ली भी उनमें एक होगा, लेकिन इस योजना के 2020 तक पूरा होने की उम्मीद है।