Jamiat Ulema e Hind expressed objection regarding UCC : प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सोमवार को फैसला किया कि वह समान नागरिक संहिता (UCC) पर मुस्लिम समुदाय के रुख से अवगत कराने के लिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को पत्र लिखेगा।
मौलाना महमूद मदनी के नेतृत्व वाले जमीयत की कार्यकारिणी में यह निर्णय लिया गया। संगठन के एक बयान के मुताबिक, जमीयत ने यह तय किया है कि यूसीसी के बारे में सांसदों के साथ चर्चा कर उनसे यूसीसी के नकारात्मक प्रभावों के बारे में आवाज उठाने का आग्रह किया जाएगा।
बयान में कहा गया है कि जमीयत ने अपनी आपत्तियां विधि आयोग को भेज दी हैं और इस मुद्दे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मिलने का प्रयास किया जाएगा। इसमें कहा गया है, कार्यकारिणी ने फैसला किया है कि समान नागरिक संहिता के संबंध में मुस्लिम समुदाय के आम सहमति वाले रुख से अवगत कराने के लिए सभी मुख्यमंत्रियों और राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को पत्र लिखा जाएगा और राष्ट्रपति से भी मिलने का प्रयास किया जाएगा।
बयान के अनुसार, कार्यकारिणी समिति की यह राय भी है कि यूसीसी पर सार्वजनिक विरोध-प्रदर्शन नहीं किए जाएं। केंद्रीय और प्रदेश स्तर पर संयुक्त प्रतितिधि सभाएं आयोजित की जाएंगी, जिनमें विभिन्न वर्गों से संबद्ध लोग भाग लेंगे। मौलाना मदनी ने यह भी कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को निशाना बनाने के प्रयास को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)