आज दिल्ली में दिल्ली पुलिस का स्थापना दिवस मनाया गया, इसमें गृहमंत्री अमित शाह ने शिरकत की, लेकिन ठीक आज ही के दिन सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिससे दिल्ली पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
दरअसल, वीडियो जामिया मिलिया में पिछले दिनों हुई हिंसा का बताया जा रहा है। जामिया को-ऑर्डिनेशन कमिटी ने यह वीडियो जारी किया है। कमिटी का दावा है कि यह वीडियो जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी का ही है। वीडियो में कुछ सुरक्षाकर्मी हाथों में डंडे लिए लाइब्रेरी में घुसते देखे जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि यह सीसीटीवी फुटेज है। इसमें डंडे के साथ घुसे सुरक्षाकर्मियों को लाइब्रेरी में पढ़ रहे छात्रों पर डंडे बरसाते देखा जा सकता है।
अभी पुष्टि नहीं हुई वीडियो की
सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हुआ है, हालांकि उसकी अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। जामिया को-ऑर्डिनेशन कमिटी ने इस वीडियो को ट्वीट कर लिखा है, 'ओल्ड रीडिंग हॉल की पहली मंजिल पर एमए और एम फिल सेक्शन में 15 दिसंबर, 2019 को पुलिस बर्बता का एक्सक्लूसिव सीसीटीवी फुटेज। दिल्ली पुलिस शर्म करो।' ट्वीट में दिल्ली पुलिस के ट्विटर हैंडल को भी टैग किया गया है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
वीडियो वायरल होने के बाद ट्विटर पर जामिया अंडर अटैक और जामिया वॉयलेंस नाम के ट्रेंड भी चल रहे हैं। अब सोशल मीडिया पर एक बार फिर से यह बहस शुरू हो गई है। इसे लेकर दिल्ली पुलिस को कठघरे में शामिल किया गया है। जाहिर है इसे लेकर अब जमकर राजनीति की जाएगी।
गौरतलब है कि बीते साल 15 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जामिया के स्टूडेंट्स पर हिंसा फैलाने का आरोप लगा। आरोप के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर हंगामा किया, गाड़ियों और पुलिस वालों पर पथराव किए, आगजनी की थी। अब दिल्ली विधानसभा चुनावों और उसके परिणाम आने के बाद एक बार फिर से सीएए और उसके विरोध को लेकर मामला गर्मा गया है।