देवप्रयाग। जहां एक तरफ कोरोना ने अपना कहर बरपा रखा है, वहीं दूसरी तरफ प्राकृतिक आपदा भी पीछा छोड़ती नजर नहीं आ रही है। सोमवार को उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा ने अपना रौद्र रूप बादल फटने के रूप में दिखाया। नई टिहरी में दशरथ पर्वत पर बादल फटने से शांता नदी में उफान आ गया। इस उफान से देवप्रयाग का शांति बाजार उजड़ गया, साथ ही पानी के तेज बहाव के चलते आईटीआई की तीन मंजिला बिल्डिंग ध्वस्त हो गई।
आपदा का क्रोध यहीं नहीं थमा और शांता नदी से सटीं 10 दुकानें भी पानी के तेज बहाव में बह गईं, वहीं देवप्रयाग नगर से बस अड्डे को जोड़ने वाली पुलिया पूरी तरह ध्वस्त होने से भी आवाजाही बंद हो गई है। गनीमत रही कि कोरोना के चलते कर्फ्यू लगा हुआ था जिससे आईटीआई और बाजार बंद होने के कारण जान-माल का ज्यादा नुकसान नहीं हो पाया है।
मंगलवार संध्या के समय अचानक से देवप्रयाग के दशरथ पर्वत पर बादल फट गया। बादल फटने के कारण शांता नदी उफान पर आ गई। पानी के तेज बहाव के साथ बहकर आए मिट्टी और पत्थरों ने शांति बाजार में तबाही मचा दी। पानी के बहाव की तीव्रता इतनी थी कि उसमें सीमेंट और सरियों के पिलरों पर खड़ा आईटीआई का तीन मंजिला भवन जमींदोज हो गया।
आईटीआई भवन की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा गार्ड दीवान सिंह ने किसी तरह अपनी जान बचाई, वहीं आईटीआई भवन में मौजूद कम्प्यूटर सेंटर, प्राइवेट बैंक, बिजली, फोटोग्राफी सहित करीब 10 दुकानें नदी आपदा की भेंट चढ़ गईं। उधर शांता नदी पर बनी पुलिया और आवाजाही के रास्ते पर बनी ज्वेलर्स, कपड़े व मिठाई आदि की दुकानें भी उफान में ध्वस्त हो गईं। प्रारंभिक तौर पर शांति बाजार में करोड़ों का नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है। गनीमत रही कि कर्फ्यू के कारण न तो कोई हताहत हुआ है और न ही कोई जनहानि हुई है।