Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

ISRO साल 2030 तक करवाएगा 'अंतरिक्ष की सैर', जानिए कितना लगेगा खर्च

हमें फॉलो करें ISRO साल 2030 तक करवाएगा 'अंतरिक्ष की सैर', जानिए कितना लगेगा खर्च
, गुरुवार, 16 मार्च 2023 (23:01 IST)
इंडियन सप्सेस रिसर्च ऑर्गेनाजेशन (ISRO) के चैयरमेन एस सोमनाथ का कहना है कि 'स्पेस टूरिज्‍म' की दिशा में काम  अभी जारी है। इसरो के एक सीनियर अफसर ने कहा कि सरकार का 'स्पेस टूरिज्‍म' की पहल पर काम तेजी से किया जा रहा है।

भारत में अंतरिक्ष में जाने के लिए टिकट का मूल्‍य ग्लोबल मार्केट में 'कॉम्पिटेटिव प्राइस' के आधार पर तय किए जाएंगे।  उन्होंने बताया कि प्रति टिकट का मूल्य लगभग 6 करोड़ रुपए के आसपास होगा, जो कि मार्केट में दूसरे प्रतियोगियों द्वारा  चार्ज किए जा रहे मूल्य के बराबर है।

देखा जाए तो स्पेस टूरिज्‍म कोई नई बात नहीं है। पिछले कुछ सालों में देखा जाए तो स्पेस टूरिज्‍म इंडस्ट्री ने काफी  सफलता हासिल की है। एलन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स के 'ड्रैगन स्पेस केप्सूल' के जरिए आज ग्लोबल मार्केट में प्रथम  स्थान पर है। जैफ बेजॉस का 'ब्लू ओरिजिन' एक प्रमुख प्रतियोगी है।

ISRO द्वारा शेयर की गई प्रेसेंटेशन में बताया गया है कि स्पेस एजेंसी पब्लिक और प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए 'नेक्स्ट  जनरेशन लॉन्च व्हीकल (NGLV)‍ विकसित करना चाहती है। इस लॉन्च व्हीकल का उपयोग कई कम्‍यूनिकेशन सैटेलाइट्स, गहरे  स्पेस मिशन, भविष्य में होने वाले ह्युमन स्पेसफ्लाइट मिशंस, कार्गो मिशंस और पृथ्वी के ऑर्बिट में सैटेलाइट कोंस्टिलेशंस  भेजने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

साइंस एंड टेक्नोलॉजी, एटोमिक, एनर्जी और स्पेस के केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने फरवरी में राज्यसभा में पूछे गए प्रश्न का   लिखित उत्तर देते हुए कहा कि ISRO ने 'गगनयान' स्पेसफ्लाइट प्रोग्राम को सफल बनाने के लिए विभिन्न टेक्नोलॉजी पर  काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि इसरो ह्युमन फ्लाइट क्षमता को Low Earth Orbit (LEO) में टेस्ट कर रहा है। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Coronavirus : कोविड के बढ़ते मामलों पर केंद्र अलर्ट, महाराष्ट्र-गुजरात समेत 6 राज्यों को खत लिखकर कही यह बात