बेंगलुरू। चन्द्रयान-2 (Chandrayaan-2) लांच करने के 4 महीने बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने फिर से सैटेलाइट लांचिंग की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अर्थ ऑब्जर्वेशन या सर्विलांस सैटेलाइट लांच करने की तैयारी कर रहा है। इससे अंतरिक्ष से सीमाओं पर निगाहें रखी जाएंगी।
लांच होने वाले कुल तीन सैटेलाइट में से एक 25 नवंबर को लांच किया जाएगा, जबकि दो दिसंबर में लांच किए जाने हैं। आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से 25 नवंबर को सुबह 9.28 बजे एडवांस्ड रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट कार्टोसैट-3 लॉन्च किया जाएगा। इन सैटेलाइट्स को सीमा सुरक्षा के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है।
खबरों के अनुसार सीमा सुरक्षा के लिए ये सैटेलाइट अंतरिक्ष में भारत की आंख का काम करेंगे। कार्टोसैट-3 का वजन लगभग 1500 किलोग्राम है। यह थर्ड जेनरेशन के एडवांस्ड हाई रेजोल्यूशन वाले अर्थ इमेजिंग सैटेलाइटों में पहला है।
पीएसएलवी सी-47 रॉकेट को श्रीहरिकोटा से 25 नवंबर को 9 बजकर 28 मिनट पर लांच किया जाएगा। यह पीएसएलवी अपने साथ थर्ड जनरेशन की अर्थ इमेजिंग सैटेलाइट कार्टोसेट-3 और अमेरिका के 13 कॉमर्शियल सैटेलाइट लेकर जाएगा।
इसरो के मुताबिक 13 अमेरिकी नैनोसैटलाइट लांच करने की डील पहले ही हाल ही में बनाई गई व्यावसायिक शाखा न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड ने की थी। कार्टोसेट-3 को अंतरिक्ष में 509 किलोमीटर दूर कक्षा में स्थापित किया जाना है।