ISRO का पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान स्वायत्त लैंडिंग मिशन के तहत सफल परीक्षण

इस श्रृंखला का यह दूसरा परीक्षण

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शुक्रवार, 22 मार्च 2024 (12:53 IST)
ISRO : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शुक्रवार को कहा कि उसने 'आरएलवी एलईएक्स-02' लैंडिंग (RLV LEX-02) प्रयोग के माध्यम से पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान (reusable launch vehicle) प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह परीक्षण कर्नाटक के चित्रदुर्ग में वैमानिकी परीक्षण रेंज में सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर किया गया और यह इस श्रृंखला का दूसरा परीक्षण है।

ALSO READ: ISRO: 2040 तक चंद्रमा पर पहला अंतरिक्ष यात्री भेजेगा इसरो, एस सोमनाथ बोले- योजना पर मिशन मोड में चल रहा काम

अंतरिक्ष एजेंसी ने बेंगलुरु में एक बयान में बताया कि पिछले साल किए गए आरएलवी-एलईएक्स-01 मिशन के बाद आरएलवी-एलईएक्स-02 ने हेलीकॉप्टर से छोड़े जाने के बाद पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान (आरएलवी) की स्वायत्त लैंडिंग क्षमता का प्रदर्शन किया। इसमें कहा गया है कि आरएलवी को फैलाव के साथ अधिक कठिन करतब करने, 'क्रॉस-रेंज' एवं 'डाउनरेंज' दोनों को सही करने और पूरी तरह से स्वायत्त मोड में रनवे पर उतरने के लिए बनाया गया था।
 
सेना का चिनूक हेलीकॉप्टर यान को ऊपर लेकर गया : इसरो ने बताया कि भारतीय वायु सेना का चिनूक हेलीकॉप्टर पंखों वाले पुष्पक नामक इस यान को ऊपर लेकर गया और इसे 4.5 किलोमीटर की ऊंचाई से छोड़ा गया। उसने बताया कि रनवे से 4 किलोमीटर की दूरी पर छोड़े जाने के बाद 'पुष्पक' स्वायत्त तरीके से 'क्रॉस-रेंज' सुधार करते हुए रनवे पर पहुंचा। यह सटीक तरीके से रनवे पर उतरा और अपने ब्रेक पैराशूट, लैंडिंग गियर ब्रेक और नोज व्हील स्टीयरिंग प्रणाली का उपयोग करके रुका। इसमें कहा गया है कि इस मिशन ने अंतरिक्ष से लौटने वाले आरएलवी की उच्च गति की लैंडिंग स्थितियों का सफलतापूर्वक अनुकरण किया।

ALSO READ: इनसेट-3डीएस से क्या होगा फायदा, इसरो ने क्यों रखा नॉटी बॉय नाम?
 
स्वदेशी रूप से विकसित प्रौद्योगिकी : अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि इसरो ने इस दूसरे मिशन के साथ अंतरिक्ष से लौटने वाले यान की उच्च गति वाली स्वायत्त लैंडिंग के लिए आवश्यक नेविगेशन, नियंत्रण प्रणाली, लैंडिंग गियर और गति कम करने की प्रणाली के क्षेत्रों में स्वदेशी रूप से विकसित प्रौद्योगिकियों को फिर से पुष्ट किया है।
 
आरएलवी-एलईएक्स-02 मिशन में पुन: उपयोग : इसरो ने बताया कि आरएलवी-एलईएक्स-01 में इस्तेमाल की गई सभी उड़ान प्रणालियों को उचित प्रमाणीकरण/मंजूरी के बाद आरएलवी-एलईएक्स-02 मिशन में पुन: उपयोग किया गया था जिससे इस मिशन में उड़ान हार्डवेयर और उड़ान प्रणालियों की पुन: उपयोग क्षमता का भी प्रदर्शन किया गया।
 
आरएलवी-एलईएक्स-01 के अवलोकन के आधार पर एयरफ्रेम संरचना और लैंडिंग गियर को उतरते समय उच्च भार वहन करने के लिए मजबूत किया गया था। इस मिशन को विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) ने तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र (एलपीएससी) और इसरो जड़त्वीय प्रणाली इकाई (आईआईएसयू) के साथ मिलकर पूरा किया।

ALSO READ: Chandrayaan 3 की सफलता के बाद अब इसरो की नजरें Gaganyaan पर
 
इसरो अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने टीम को दी बधाई : इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने इस जटिल मिशन के त्रुटिरहित क्रियान्वयन के लिए टीम को बधाई दी। वीएसएससी के निदेशक डॉ. एस. उन्नीकृष्णन नायर ने इस सफलता पर कहा कि इस क्षेत्र में सफलता के जरिए इसरो पूरी तरह से स्वायत्त मोड में टर्मिनल चरण के करतब, लैंडिंग और ऊर्जा प्रबंधन में महारत हासिल कर सकता है, जो भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

PAN 2.0 Project : अब बदल जाएगा आपका PAN कार्ड, QR कोड में होगी पूरी कुंडली

तेलंगाना सरकार ने ठुकराया अडाणी का 100 करोड़ का दान, जानिए क्या है पूरा मामला?

Indore : सावधान, सरकारी योजना, स्कीम और सब्सिडी के नाम पर खाली हो सकता है आपका खाता, इंदौर पुलिस की Cyber Advisory

क्‍या एकनाथ शिंदे छोड़ देंगे राजनीति, CM पर सस्पेंस के बीच शिवसेना UBT ने याद दिलाई प्रतिज्ञा

संभल विवाद के बीच भोपाल की जामा मस्जिद को लेकर दावा, BJP सांसद ने शिव मंदिर होने के दिए सबूत

सभी देखें

नवीनतम

LIVE: अडाणी मामले में संसद में भारी हंगामा, लोकसभा 12 बजे तक स्थगित

उज्जैन के प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल ने मंच से पढ़ा कलमा, अजान के लिए रोका भाषण, हिंदू संगठन ने की माफी की मांग

Delhi Pollution: दिल्ली की air quality में आया थोड़ा सुधार, खराब श्रेणी के करीब पहुंची

अडाणी ग्रीन एनर्जी का दावा, गौतम अडाणी ने नहीं किया FCPA का उल्लंघन

अगला लेख
More