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30 की बजाय 15 सदस्यीय डेलिगेशन, नहीं होगा लाइव टेलीकास्ट, क्या ममता बनर्जी और डॉक्टरों के बीच खत्म हो गया गतिरोध

हमें फॉलो करें 30 की बजाय 15 सदस्यीय डेलिगेशन, नहीं होगा लाइव टेलीकास्ट, क्या ममता बनर्जी और डॉक्टरों के बीच खत्म हो गया गतिरोध

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

कोलकाता , गुरुवार, 12 सितम्बर 2024 (17:11 IST)
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में गतिरोध को हल करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में बातचीत करने के बंगाल सरकार के ‘सकारात्मक रुख’ का आंदोलनकारी कनिष्ठ चिकित्सकों ने स्वागत किया और गुरुवार  शाम 5 बजे राज्य सचिवालय में प्रस्तावित बैठक में भाग लेने की घोषणा की। चिकित्सकों ने हालांकि राज्य सरकार द्वारा अनिवार्य 15 लोगों की बजाय 30 सदस्यों के साथ बैठक में भाग लेने की अपनी मांग पर कायम रहने का ऐलान किया।
 
प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने यह भी कहा कि वे बातचीत का सीधा प्रसारण करने से कम पर राजी नहीं होंगे हालांकि राज्य के मुख्य सचिव बैठक के लिए अपने नए निमंत्रण में पहले ही इस मांग को अस्वीकार कर चुके हैं।
 
एक प्रदर्शनकारी चिकित्सक ने कहा कि हम मुख्य सचिव के निमंत्रण और इस बात की पुष्टि का स्वागत करते हैं कि मुख्यमंत्री बैठक में मौजूद रहेंगी। हम खुले दिल से बैठक में शामिल होंगे लेकिन यह हमारे सहयोगी को न्याय दिलाने और राज्य भर में चिकित्सकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के मुद्दे पर केंद्रित होनी चाहिए।
 
चिकित्सकों ने कहा कि उन्होंने राज्य सरकार के ईमेल का जवाब अपराह्न करीब तीन बजकर 45 मिनट पर दे दिया था, जिसमें उन्होंने बैठक में उपस्थिति की पुष्टि की।
चिकित्सक ने कहा कि राज्य के 26 मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सक इस आंदोलन में भाग ले रहे हैं। अगर हम हर कॉलेज से एक सदस्य भी चुनते हैं तो भी 30 से कम लोगों का प्रतिनिधिमंडल होना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल को सचिवालय ले जाने के लिए बस का इंतजाम कर लिया गया है।
चिकित्सकों ने प्रस्तावित बैठक की पूरी प्रक्रिया का सीधा प्रसारण करने पर जोर दिया। उनका कहना है कि उनके पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। चिकित्सक ने कहा कि इसके अलावा, हजारों कनिष्ठ चिकित्सक एक साथ बंगाल के दूर-दराज के जिलों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि बैठक में क्या हो रहा है। अगर मुख्यमंत्री, जिलों में अपनी प्रशासनिक बैठकों का सीधा प्रसारण कर सकती हैं और अगर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का सीधा प्रसारण किया जा सकता है तो हमें कोई कारण नहीं दिखता कि ऐसा यहां क्यों नहीं हो सकता।
 
पिछले दो दिनों में सरकार की ओर से चिकित्सकों को भेजा गया यह तीसरा पत्र है, जिसमें से पिछले दो प्रस्तावों को वे खारिज कर चुके हैं और बैठक के लिए ठोस शर्ते रख रहे हैं। भाषा

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