खास खबर : प्रियंका गांधी के राज्यसभा जाने की खबरें शिगूफा या सच्चाई ?
प्रियंका के मध्य प्रदेश से राज्यसभा जाने की खबर का पूरा एनालिसिस
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के राज्यसभा जाने को लेकर इन दिनों चर्चाओं का बाजार गर्म है। प्रियंका गांधी जो इन दिनों बतौर प्रभारी महासचिव उत्तर प्रदेश कांग्रेस में नई जान फूंकने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है उनको मध्य प्रदेश से राज्यसभा में भेजे जाने के लिए कांग्रेस के नेता लगातार मांग कर रहे है। अप्रैल में राज्यसभा के लिए मध्य प्रदेश से खाली हो रही तीन सीटों में से विधानसभा में सीटों की संख्या के हिसाब से कांग्रेस के खाते में 2 सीट जाना तय माना जा रहा है ऐसे में कमलनाथ सरकार के मंत्री खुल कर प्रियंका को प्रदेश से राज्यसभा में भेजने की मांग कर रहे है
प्रियंका के राज्यसभा में जाने की खबरों के बीच यह चर्चा भी जोरों से चल रही है कि क्या अब प्रियंका पार्टी की कमान संभालने के लिए तैयार हो गई है। कांग्रेस की अंदरुनी राजनीति को बहुत करीब से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक रशीद किदवई कहते हैं कि प्रियंका गांधी को मध्य प्रदेश से राज्यसभा भेजने जाने की खबरों को वह मात्र एक राजनीतिक शिगूफा मानते है।
वह कहते हैं कि अगर अधिकृत रूप से ऐसा कोई प्रस्ताव होता है तो खुद मुख्यमंत्री कमलनाथ सबसे पहले ऐसा कहते जैसा उन्होंने लोकसभा चुनाव के समय दिग्विजय सिंह का नाम अचानक भोपाल से चुनाव लड़ाने के लिए किया था। वह कहते हैं कि अगर प्रियंका गांधी को मध्य प्रदेश से राज्यसभा भेजा जाना होगा तो खुद गांधी परिवार के करीबी मुख्यमंत्री कमलनाथ इसकी घोषणा कर इसका श्रेय लेना चाहेगे।
वेबदुनिया से बातचीत में रशीद किदवई कहते हैं कि अभी प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश की प्रभारी है और एड़ीचोटी का जोर लगा रही है कि संगठन वहां पर फिर से खड़ा हो सके। ऐसे में अगर प्रियंका गांधी किसी दूसरे राज्य से राज्यसभा सदस्य बनती है तो उनके सामने कई समस्या खड़ी हो जाएगी। प्रियंका गांधी को मध्य प्रदेश की राजनीति और संगठन में कुछ न कुछ समय देना होगा ऐसा में क्या वह उत्तर प्रदेश को आधा अधूरा छोड़कर मध्य प्रदेश में आधा अधूरा योगदान देगी।
वह कहते हैं कि पिछले लोकसभा चुनाव में प्रियंका गांधी ने खुद बनारस से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने को लेकर बयान दिया था और बाद में नहीं लड़ी ऐसे में अगर वह अब राज्यसभा आती है तो एक बार फिर परिवारवाद का आरोप लगेगा। वह कहते हैं कि लोकसभा छोड़कर राज्यसभा में जाने से कार्यकर्ताओं के मनोबल पर भी असर पड़ेगा।
रशीद किदवई कहते हैं कि प्रियंका गांधी को राज्यसभा में जाने को लेकर निर्णय गांधी परिवार को लेना है। वह कहते हैं कि गांधी परिवार अपने विवेक से अगर सोचता है कि प्रियंका गांधी के राज्यसभा में जाने से उनको राज्यसभा सांसद होने के नाते कोई छूट मिल जाएगी तो हमें कोई आश्चर्य नहीं होगा कि प्रियंका गांधी राज्यसभा में आ जाए लेकिन राजनीतिक रुप से ऐसा कोई कारण नहीं बनाता।