क्या राष्ट्रीय आपदा है जोशीमठ संकट? क्या होती है राष्‍ट्रीय आपदा?

Webdunia
रविवार, 8 जनवरी 2023 (07:48 IST)
नई दिल्ली। उत्तराखंड में जोशीमठ के संकट को राष्ट्रीय आपदा (National Disaster) घोषित करने की मांग को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका में कहा गया है कि यह घटना बड़े पैमाने पर औद्योगीकरण के कारण हुई है और उत्तराखंड के लोगों को तत्काल आर्थिक सहायता और मुआवजा देने का अनुरोध किया गया है।
 
याचिका में कहा गया कि मानव जीवन और उनके पारिस्थितिकी तंत्र की कीमत पर किसी भी विकास की आवश्यकता नहीं है और अगर ऐसा कुछ भी हो रहा है तो यह राज्य और केंद्र सरकार का कर्तव्य है कि इसे तुरंत रोका जाए।
 
जोशीमठ, बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों और अंतर्राष्ट्रीय स्कीइंग गंतव्य औली का प्रवेश द्वार, भूमि धंसने के कारण एक बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है। जोशीमठ धीरे-धीरे दरक रहा है और घरों, सड़कों तथा खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ रही हैं और स्थानीय लोगों का कहना है कि इसमें कई घर धंस गए हैं।
 
इस बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जमीनी स्थिति का जायजा लेने के लिए शनिवार को जोशीमठ का दौरा किया। मुख्यमंत्री ने उन घरों का भी दौरा किया, जिनकी दीवारों और छत में चौड़ी दरारें आ गई हैं।
 
क्यों हो रही है जोशीमठ को राष्‍ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग : 5000 घरों वाले चमौली में चारो तरफ दरारे ही दरारे दिखाई दे रही है। घर, सड़कें और सैन्य छावनियों समेत सभी जगहों पर संकट मंडरा रहा है। चमौली के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एन.के. जोशी ने जोशीमठ में 11 और परिवारों को शनिवार को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। शहर में दरार से प्रभावित घरों की संख्या बढ़कर 603 हो गई है। 
 
क्या है राष्‍ट्रीय आपदा : 10वें वित्त आयोग (1995-2000) ने एक प्रस्ताव की जांच के आधार पर पाया गया कि एक आपदा को राष्ट्रीय आपदा तब कहा जाता है, जब यह राज्य की एक-तिहाई आबादी को प्रभावित करती है।
 
क्या है आपदा प्रबंधन अधिनियम : वर्ष 2006 में देश में डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट लागू किया गया था। इसके बाद यदि देश में या राज्य में कहीं भी प्राकृतिक या मानव जनित आपदा आती है तो वहां की सरकार लोगों के कल्याण के उद्देश्य से इस एक्ट को लागू कर देती है।

इस अधिनियम के तहत सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों को यह शक्ति मिलती है कि वह उस आपदा के प्रबंधन और उसके प्रभाव को कम करने के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाए और सभी नागरिकों सहित उस प्रभावित क्षेत्र के लोगों को आदेश जारी करे। यह आपदा प्राकृतिक आपदा व मानव जनित आपदा दोनों तरह की हो सकती है। कोरोना काल में भारत सरकार द्वारा इसी अधिनियम का उपयोग कर पाबंदियां लगाई गई थी।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में STF को बड़ी कामयाबी, शूटर शिवकुमार बहराइच से गिरफ्तार, 4 अन्य भी पकड़े गए

कौन है आतंकी अर्श डल्ला, जिसे कनाडा पुलिस ने किया गिरफ्तार

Maharashtra Election : 500 में सिलेंडर, महिलाओं को 3000 और जातीय जनगणना का वादा, महाराष्ट्र के लिए MVA का घोषणा पत्र

योगी ने अखिलेश के PDA का भी कर दिया नामकरण, प्रोडक्शन हाउस ऑफ दंगाई एंड अपराधी

मल्लिकार्जुन खरगे ने PM मोदी पर साधा निशाना, लाल किताब को लेकर दिया यह बयान...

सभी देखें

नवीनतम

Maharashtra : सुप्रिया सुले का दावा, BJP और उसके सहयोगी भ्रष्टाचार में लिप्त

रुपए में लगातार चौथे दिन गिरावट, जानिए डॉलर के मुकाबले कितना टूटा

भजनलाल शर्मा ने कहा, राजस्थान के विकास के लिए प्रतिबद्ध है भाजपा सरकार

LIVE: राज ठाकरे का दावा, महाराष्ट्र में बनेगी भाजपा की सरकार

इंदौर में सनसनीखेज वारदात, कॉलोनाइजर से लूटा 25 लाख का माल

अगला लेख
More