कश्मीर घाटी में टारगेट किलिंग में निशाने पर क्यों कश्मीरी पंडित, पढ़ें Inside Story

आर्टिकल 370 और कश्मीर फाइल्स के बाद घाटी में कश्मीर पंडितों के खिलाफ बढ़ी नफरत: संजय टिक्कू

Kashmiri Pandits. Rahul Bhat
विकास सिंह
शुक्रवार, 20 मई 2022 (08:00 IST)
कश्मीर घाटी के बडगाम के चादूरा में 12 मई को राजस्व कर्मचारी कश्मीर पंडित राहुल भट की हत्या के बाद घाटी में ट्रांजिट कैंप में रहने वाले कश्मीर पंडित और कश्मीर पंडित कर्मचारियों का संगठन अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर पिछले एक सप्ताह से सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहा है। प्रदर्शनकारी सरकार से मांग कर रहे है कि उनको घाटी से निकालकर जम्मू या अन्य कहीं और विस्थापित किया जाए। यह हालात तब बने है जब लश्कर-ए-इस्लाम नाम के आतंकी संगठन ने धमकी दी है कि कश्मीरी पंडित तो घाटी छोड़ दें या फिर मरने को तैयार रहे। 
 
राजस्व कर्मचारी राहुल भट की हत्या के बाद शेखपुरा में प्रदर्शन में शामिल कश्मीरी पंडित विमल कहते हैं कि राहुल भट की हत्या केंद्र और राज्य सरकार दोनों की विफलता है। आज घाटी में कश्मीरी पंडित बड़ी समस्याओं का सामना कर रहे है लेकिन सरकार कोई समाधान नहीं निकाल रही है। राहुल भट की हत्या घाटी अल्पसंख्यक समुदाय के नौवें सदस्य की हत्या है।
 
घाटी में कश्मीरी पंडित क्यों फिर आतंकियों के निशाने पर आ गए और घाटी में मौजूदा हालात को लेकर कश्मीरी पंडित क्या सोच रहे है और इसको लेकर ‘वेबदुनिया’ ने कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति के नेता संजय टिक्कू से खास बातचीत की। 

‘वेबदुनिया’ से बातचीत में  संजय टिक्कू कहते हैं कि कश्मीरी पंडित राहुल भट की हत्या की बाद घाटी में माहौल बहुत तनावपूर्ण है। ट्रांजिट कैंप में रहने वाले कश्मीर पंडित पिछले 8 दिनों से सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे है। उनकी एक मात्र मांग रीलोकशन (Relocation) की है और इससे कम उनको कुछ मंजूर भी नहीं है। 
 
कश्मीरी पंडित नेता संजय टिक्कू कहते हैं कि राजस्व कर्मचारी राहुल भट की हत्या के बाद  मरकजी (राज्य) सरकार का जो रोल रहा है, उससे कश्मीर पंडित खफा (नाराज) है। राहुल भट की हत्या के बाद न कोई टीम केंद्र से आई और न हीं उपराज्यपाल इन कैंपों में गए जहां कश्मीर पंडित अपनी मांगों को लेकर आठ दिनों से प्रदर्शन कर है। 
 
कश्मीर पंडितों के खिलाफ बढ़ी नफरत-कश्मीर घाटी में लगातार कश्मीरी पंडितों के टारगेट पर होने की वजह पर कश्मीरी पंडित नेता संजय टिक्कू कहते हैं कि घाटी में कश्मीर पंडितों के खिलाफ जो नफरत बढ़ी है उसके पीछे धारा 370 का हटना और फिल्म कश्मीर फाइल्स बढ़ी वजह है। आज घाटी में जिनके हाथ में बंदूक है वह कश्मीर पंडित को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेंगे। उनका एकमात्र एजेंडा है कि घाटी कश्मीर पंडितों से खाली हो जाए। संजय टिक्कू आगे कहते हैं कि 1990 से लेकर आज तक जितनी भी सरकारें आई उन्होंने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई। अगर सरकार चाहती है कि कश्मीर के हालात फिर से ठीक हो जाए तो सरकार को यहां के लोगों से बात करनी पड़ेगी।
 
कश्मीर घाटी मेंं आतंक का कोई चेहरा नहीं- कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों के खिलाफ टारगेट किलिंग की बढ़ती घटनाओं पर संजय टिक्कू कहते हैं कि घाटी में अभी  जो आतंक है उसका कोई चेहरा नहीं (Faceless) है, कभी कोई आतंकी संगठन वारदात को अंजाम दे जाता है कभी कोई आतंकी संगठन। वहीं घटनाओं को पाकिस्तान में बैठे आतंक के मास्टरमाइंड से जोड़ दिया जाता है। 
 
संजय टिक्कू कहते हैं कि भले ही आतंक का मास्टरमाइंड पाकिस्तान में बैठा हो लेकिन आतंकियों का एक नेक्सस (nexus) घाटी में भी है और जब तक यह नेक्सस (nexus) नहीं टूटेगा तब तक कश्मीर के हालात खासकर कश्मीर पंडित के लिए हालात बिल्कुल नहीं बदलेंगे और कश्मीर पंडित हमेशा की तरफ बलि का बकरा बनते रहेंगे। 

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