Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

नए साल से पहले भारतीय सेना ने नाकाम की पाक की साजिश, BAT के 2 कमांडो को किया ढेर

हमें फॉलो करें नए साल से पहले भारतीय सेना ने नाकाम की पाक की साजिश, BAT के 2 कमांडो को किया ढेर

सुरेश डुग्गर

जम्मू। सतर्क भारतीय सेना के जवानों ने पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) कह लिजिए या फिर पाक सेना के स्पेशल सर्विस ग्रुप के कमांडो के नापाक मंसूबों को नेस्तनाबूद कर दिया है। जम्मू-कश्मीर के एलओसी से सटे नौगाम सेक्टर में भारतीय सेना ने बैट के हमले की कोशिश को नाकामयाब करते हुए दो बैट कमांडो को मार गिराया।


नववर्ष के मौके पर पाकिस्तान भारतीय सेना पर बड़े हमले की फिराक में था। बताया जा रहा है कि 30 दिसंबर को बैट की टुकड़ी घने जंगलों का फायदा उठाकर भारतीय सीमा में घुसने की फिराक में थी।

जानकारी के अनुसार बैट की एक टुकड़ी ने एलओसी से सटे नौगाम सेक्टर की ओर बढ़ने का प्रयास किया, उनके निशाने पर भारतीय सेना की अग्रिम चौकी थी। उन्हें भारतीय सीमा में प्रवेश कराने के लिए पाकिस्तान पोस्ट की ओर से लगातार कवर फायरिंग की जा रही थी। हालांकि सेना उनके नापाक मंसूबों को भाप गई और उनको मुंह की खानी पड़ी।

बताया जा रहा है कि 30 दिसंबर को रात को बैट कमांडो ने एलओसी के पास घने जंगल के रास्ते से भारतीय सीमा में घुसने का प्रयास किया। उधर, उनकी मदद के लिए उच्च क्षमता वाले हथियारों से पाकिस्तानी सैनिक लगातार कवर फायरिंग कर रहे थे।

सेना से मिली जानकारी में बताया गया कि घुसपैठियों ने जिस तरह की पोशाक पहन रखी थी, वह पाकिस्तान की सेना की नियमित वर्दी जैसी थी। उनके पास से पाकिस्तान के चिह्नों वाला सामान बरामद हुआ था। कुछ घुसपैठियों को बीएसएफ और पुराने पैटर्न वाली आइए ड्रेस में भी देखा गया।

बरामद की गई चीजों से यह अंदेशा लगाया जा रहा है कि उनका इरादा भारतीय सेना पर भीषण हमला करने का था। इस बीच सेना ने पाकिस्तान से अपने मारे गए सैनिकों के शवों को लेकर जाने के लिए कहा है।

इस बीच सेना की ओर से घने जंगलों में तलाशी अभियान भी चलाया गया। लंबे समय तक चले तलाशी अभियान के बाद दो पाकिस्तानी सैनिकों के शव बरामद होने की पुष्टि की गई। भारी संख्या में यहां से युद्धक भंडार भी बरामद हुआ है।

कौन है पाकिस्तान की खूनी टुकड़ी बैट
बैट अर्थात बॉर्डर एक्शन टीम कह लिजिए या फिर बॉर्डर रेडर्स, एलओसी पर छापामार युद्ध में माहिर है।
ये पाकिस्तान सेना की स्पेशल सर्विस ग्रुप के साथ काम करती है।
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई इसे सूचनाएं मुहैया करवाती है।
बैट एलओसी या सीमा पर दुश्मन के इलाके में एक से तीन किमी अंदर जाकर हमले करती है।
चार हफ्ते हवाई युद्ध के साथ ही इनकी कुल ट्रेनिंग करीब 8 महीनों की होती है।
इस टीम का मकसद सीमा पार जाकर छोटे-छोटे हमलों को अंजाम देकर दुश्मन में दहशत फैलाना है। हमलों के दौरान बैट इनाम के तौर पर दुश्मन के सिपाहियों का सिर काटकर अपने साथ ले जाती है।

भारतीय सीमा में पाकिस्तानी बैट टीम की बर्बरता की कुछ कथाएं
एक मई 2017 को कृष्णा घाटी में भारतीय सेना की पेट्रोलिंग टीम पर हमला किया गया। दो जवान शहीद हुए। नायब सूबेदार परमजीत सिंह और हेड कांस्टेबल प्रेम सागर के शवों को क्षत-विक्षप्त किया गया।

22 नवम्बर 2016 को मच्छेल सेक्टर में बैट के हमले में 3 भारतीय जवान शहीद हुए और एक जवान का सिर काट लिया गया और सिर को वह अपने साथ ले गई।

28 अक्टूबर 2016 को एलओसी पर बीएसएफ के सिपाही मनदीप के शव के साथ बर्बरता की गई और फिर वही घटनाक्रम दोहराया गया।

8 जनवरी 2013 को पुंछ में एलओसी के पास लांसनायक हेमराज सिंह तथा सुधाकर सिंह की हत्या की गई। बैट टीम हेमराज का सिर काट का अपने साथ ले गई।

30 जुलाई 2011 को कुपवाड़ा की गुलदार चोटी पर बैट का हमला हुआ, 6 जवान शहीद हो गए। हमलावर बैट टीम हवलदार जयपाल सिंह तथा देवेंदर सिंह के सिर काटकर अपने साथ ले गई।

जून 2008 को 2/8 गोरखा राइफल के जवान को केल सेक्टर में पकड़ा गया और फिर उसका सिर काटकर अपने साथ ले गई।

मई व जून 1999 को करगिल में तैनात कैप्टन सौरभ कालिया और उनके 5 साथियों को बंदी बनाया गया था। करीब 22 दिनों तक जवानों को यातनाएं दी गई थीं और बाद में क्षत-विक्षप्त शवों को भारतीय इलाके में फेंक दिया गया था।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

नए लुक में नजर आए पीएम मोदी, सोशल मीडिया पर तस्वीर हुई वायरल