नई दिल्ली। भारत ने गुरुवार को कहा कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसियों जैसे संबंध चाहता है, लेकिन इसके लिए आतंकवाद और हिंसा से मुक्त वातावरण होना चाहिए। गौरतलब है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोमवार को कश्मीर सहित विभिन्न 'ज्वलंत' मुद्दों के समाधान के लिए अपने भारतीय समकक्ष नरेन्द्र मोदी के साथ 'गंभीर' बातचीत की पेशकश की थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में यह टिप्पणी तब की जब उनसे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा पिछले सप्ताह कश्मीर सहित ज्वलंत मुद्दों के समाधान के लिए दोनों देशों के बीच बातचीत की पेशकश के बारे में पूछा गया था।
बागची ने कहा कि हमने यह (पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की) टिप्पणी देखी है, लेकिन इसके बाद वहां के पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) ने कुछ और कहा। इसके कुछ दिनों पहले वहां के कुछ नेताओं ने भी टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा, हम पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसियों जैसे संबंध चाहते हैं, लेकिन इसके लिए उपयुक्त माहौल होना चाहिए जो आतंकवाद और हिंसा से मुक्त हो।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोमवार को दुबई स्थित अल अरबिया समाचार चैनल के साथ एक साक्षात्कार के दौरान कश्मीर सहित विभिन्न 'ज्वलंत' मुद्दों के समाधान के लिए अपने भारतीय समकक्ष नरेन्द्र मोदी के साथ 'गंभीर' बातचीत की पेशकश की थी।
शरीफ ने कहा था, भारतीय नेतृत्व और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मेरा संदेश है कि आइए, हम बातचीत की मेज पर बैठें और कश्मीर जैसे ज्वलंत मुद्दों के हल के लिए गंभीरता से बातचीत करें। उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान और भारत पड़ोसी देश हैं और उन्हें एक-दूसरे के साथ ही रहना है।
हालांकि इसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा था कि कश्मीर पर 2019 में उठाए गए कदम को वापस लिए बिना भारत के साथ बातचीत संभव नहीं है। गौरतलब है कि भारत लगातार कहता रहा है कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते और पाकिस्तान को बातचीत की बहाली के लिए अनुकूल माहौल मुहैया कराना चाहिए।
भारत द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने, जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और 5 अगस्त, 2019 को राज्य को 2 केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद दोनों देशों के बीच संबंध और खराब हो गए।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)