India vs Bharat renaming row : मोदी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए जी-20 के अवसर पर राष्ट्रपति भवन द्वारा आयोजित रात्रिभोज के अंग्रेजी के निमंत्रण पत्र में इंडिया नाम हटाकर भारत लिखा गया है जिसे लेकर विपक्ष एवं सत्तापक्ष में घमासान हो गया। संसद के विशेष सत्र में सरकार इस संबंध में विधेयक ला सकती है। भारत की संसद के पास अनुच्छेद 368 के तहत भारतीय संविधान और इसकी प्रक्रियाओं को बदलने का अधिकार है।
क्या एजेंडे में शामिल था नाम बदलना : खबरों के मुताबिक सरकार संसद के विशेष सत्र में अनुच्छेद 368 में संशोधन लाया जा सकता है। खबरों के मुताबिक भारत के संविधान से 'इंडिया' शब्द को हटाना भी मोदी सरकार के एजेंडे में शामिल हो सकता है। संसद के आगामी विशेष सत्र का एजेंडा आधिकारिक तौर पर आना अभी बाकी है।
खबरों के मुताबिक भारतीय संविधान के अनुच्छेद -1 में भारत को लेकर दी गई जिस परिभाषा में 'इंडिया, दैट इज भारत' यानी ' इंडिया अर्थात भारत' के जिन शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, उसमें से सरकार 'इंडिया' शब्द को निकाल कर सिर्फ 'भारत' शब्द को ही रहने देने पर गंभीरता से विचार कर रही है।
मोहन भागवत ने की थी मांग : खबरों के मुताबिक इससे जुड़े प्रस्ताव की तैयारियां जारी हैं। हाल ही में आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने भी कहा था कि सदियों से हमारे देश का नाम भारत रहा है। उन्होंने लोगों से इंडिया की जगह भारत शब्द का इस्तेमाल करने की अपील भी की थी।
सरकार ने बुलाया है विशेष सत्र : मोदी सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है, लेकिन इसके एजेंडे की कोई जानकारी नहीं दी गई है। विशेष सत्र में चंद्रयान-3 और आदित्य एल-1 मिशन समेत हाल में हासिल की गई सफलताओं पर भी चर्चा हो सकती है। साथ ही 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का रोडमैप बनाया जाएगा और इस विषय पर चर्चा भी हो सकती है। Edited By : Sudhir Sharma