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पाकिस्‍तान में जल संकट, भारत ने रोका चिनाब का पानी, किशनगंगा बांध को लेकर बनाया बड़ा प्‍लान

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , रविवार, 4 मई 2025 (14:34 IST)
India stopped the water of Chenab : भारत ने चिनाब नदी पर बगलिहार बांध के माध्यम से पानी के प्रवाह को रोक दिया है और झेलम नदी पर बने किशनगंगा बांध को लेकर भी इसी तरह के कदम उठाने की योजना बना रहा है। मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि जम्मू के रामबन में बगलिहार जलविद्युत बांध और उत्तरी कश्मीर में किशनगंगा जलविद्युत बांध भारत को पानी छोड़ने के समय को विनियमित करने की क्षमता देते हैं। बगलिहार बांध दोनों पड़ोसियों के बीच लंबे समय से विवाद का विषय रहा है। पाकिस्तान इस मामले में विश्व बैंक की मध्यस्थता की मांग कर चुका है।
 
एक सूत्र ने यह जानकारी दी। मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि जम्मू के रामबन में बगलिहार जलविद्युत बांध और उत्तरी कश्मीर में किशनगंगा जलविद्युत बांध भारत को पानी छोड़ने के समय को विनियमित करने की क्षमता देते हैं।
भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद दशकों पुरानी संधि को निलंबित करने का निर्णय लिया। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। विश्व बैंक की मध्यस्थता से की गई सिंधु जल संधि ने 1960 से भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के उपयोग को नियंत्रित किया है।
 
बगलिहार बांध दोनों पड़ोसियों के बीच लंबे समय से विवाद का विषय रहा है। पाकिस्तान इस मामले में विश्व बैंक की मध्यस्थता की मांग कर चुका है। पाकिस्तान को किशनगंगा बांध को लेकर भी खासकर झेलम की सहायक नदी नीलम पर इसके प्रभाव के कारण आपत्ति है।

उल्‍लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बड़े आतंकी हमले के बाद नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) की हुई। बैठक में कई अहम फैसले लिए गए, जिसमें पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को निलंबित कर भारत ने पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है। इसके साथ ही अटारी बॉर्डर को भी बंद करने का फैसला किया गया है।
बैठक में फैसला लिया गया है कि यह फैसला तब तक लागू रहेगा जब तक पाकिस्तान विश्वसनीय ढंग से सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं कर देता। बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल सहित कई शीर्ष अधिकारी मौजूद थे।
 
सिंधु जल समझौता क्या है : सिंधु जल समझौता (Indus Water Treaty) 19 सितंबर 1960 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के जनरल अयूब खान के बीच कराची में हुआ था। इस समझौते में वर्ल्ड बैंक ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी। 
 
इस समझौते के तहत दोनो देशों (भारत और पाकिस्तान) में सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों (झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलुज) के पानी का बंटवारा किया गया था। इस संधि के तहत भारत को सिंधु तथा उसकी सहायक नदियों से 19.5 प्रतिशत पानी मिलता है, जबकि पाकिस्तान को 80 फीसदी पानी मिलता है। भारत अपने हिस्से में से भी लगभग 90 फीसदी पानी का उपयोग करता है।
इस संधि के तहत पश्चिमी नदियों- सिंधु, झेलम और चिनाब का पानी पाकिस्तान का तथा पूर्वी नदियों- रावी, ब्यास और सतलुज के पानी पर भारत का अधिकार है। इस संधि पर अमल करने के लिए इंडस कमीशन (सिंधु आयोग) का गठन किया। हर वर्ष इस कमीशन की बैठक भी होती है। इस संधि के चलते भारत अपने पड़ोसी पाकिस्तान को कुल जल का 80.52% यानी 167.2 अरब घन मीटर पानी सालाना देता है। इस संधि को दुनिया की सबसे उदार संधि भी कहा जाता है।
Edited By : Chetan Gour

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