क्‍यों गिर रहा है भारत का व्यापार, क्‍या है इसका आयात-निर्यात से कनेक्‍शन

Webdunia
रविवार, 17 दिसंबर 2023 (13:29 IST)
Estimate of decline in India's total trade : इलेक्ट्रॉनिक सामान (विशेष रूप से स्मार्टफोन) और सेवा क्षेत्र के मजबूत निर्यात प्रदर्शन से भारत को इस साल अपने कुल व्यापार की वृद्धि दर में गिरावट को थामने में मदद मिलेगी। इस साल देश के व्यापार में 2.6 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है। भारत के व्यापार में कुल गिरावट की वजह कमजोर वैश्विक मांग है। भारत श्रम गहन क्षेत्रों में अपनी प्रतिस्पर्धी क्षमता को धीरे-धीरे गंवा रहा है।
 
एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत का वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात और आयात 2022 के 1,651.9 अरब अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 2023 में 2.6 प्रतिशत घटकर 1,609 अरब डॉलर रहने का अनुमान है।
 
इसमें कहा गया है कि भारत के वस्तुओं के निर्यात में गिरावट वैश्विक स्तर पर पांच प्रतिशत की गिरावट के अनुमान (अंकटाड के वैश्विक व्यापार पर अनुमान) के अनुरूप है। इसके अलावा यह जनवरी-नवंबर, 2023 के दौरान चीन के व्यापारिक निर्यात में आई 5.2 प्रतिशत की गिरावट के अनुरूप है।
 
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) का अनुमान है कि 2023 में मात्रा के लिहाज से वैश्विक स्तर पर वस्तुओं का व्यापार मात्र 0.8 प्रतिशत बढ़ेगा। वर्ष 2023 में जिन क्षेत्रों के वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है, उनमें विमान ईंधन (एटीएफ), मोटर गैसोलीन, स्मार्टफोन, बासमती चावल, मध्यम आकार की कार, टर्बो-जेट और वाहन कलपुर्जे शामिल हैं। चालू कैलेंडर साल के दौरान स्मार्टफोन निर्यात लगभग 93 प्रतिशत बढ़कर 14 अरब डॉलर होने की उम्मीद है, जबकि 2022 में यह 7.2 अरब डॉलर था।
 
इस तरह 2023 में स्मार्टफोन भारत के लिए एक बड़ी सफलता की कहानी के रूप में उभरेगा। यह महत्वपूर्ण वृद्धि भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात की कुल वृद्धि में योगदान देगी, जो 26.2 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 26.8 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगी।

इसी तरह इलेक्ट्रॉनिक सामान का आयात आठ प्रतिशत से अधिक बढ़कर 81 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है। हालांकि तैयार इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों मसलन कंप्यूटर, लैपटॉप और अन्य हार्डवेयर का आयात इस साल 10 प्रतिशत से अधिक घट सकता है।
 
जीटीआरआई के सह-संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि भारत के व्यापार में कुल गिरावट की वजह कमजोर वैश्विक मांग है। भारत श्रम गहन क्षेत्रों में अपनी प्रतिस्पर्धी क्षमता को धीरे-धीरे गंवा रहा है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

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