जम्मू। जम्मू क्षेत्र में इंटरनेशनल बॉर्डर तथा एलओसी पर पाक गोलाबारी में दो और लोगों की मौत हो गई है। पाक सेना द्वारा अपने सीमावर्ती गांवों को खाली करवा लिए जाने के बाद इस ओर महसूस किए जाने वाले खतरे के चलते भारतीय सेना और बीएसएफ ने 200 से अधिक गांवों को खाली करवा लिया है। भीषण गोलाबारी से एक सौ से अधिक पशु मारे गए हैं और 70 के करीब घर जल कर राख हुए हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों में भयंकर तबाही का मंजर है।
अरनिया, आरएस पुरा और रामगढ़ सेक्टर में पाकिस्तान की तरफ से बीती रात से भारी गोलाबारी की जा रही है। यह गोलाबारी देर रात से मंगलवार सुबह तक जारी रही है, जिसका सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की तरफ से इसका माकूल जवाब दिया जा रहा है। इस गोलीबारी के चलते सीमा से सटे गांव के लोग प्रभावित हुए हैं।
उधर जम्मू के सांबा जिले में भी पाकिस्तान गोलाबारी कर रहा है। पाकिस्तान ने जम्मू और सांबा जिलों के सीमांत क्षेत्रों में मंगलवार को तीसरे दिन भी गोलाबारी जारी रखी। पाकिस्तान रिहाशयी इलाकों को निशाना बनाकर गोलाबारी कर रहा है। इसमें तीन लोग घायल हो गए। घायलों में एक महिला की मौत हो गई है। उनमें से एक को उपचार के लिए जम्मू के राजकीय मेडिकल कालेज अस्पताल भर्ती करवाया गया।
आतंकी किसी बड़ी वारदात को अंजाम ना दे सके, इसके लिए सेना द्वारा लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। इसके साथ ही एहतियात के तौर पर सीमांत इलाके के 200 से ज्यादा गांवों को सेना ने खाली करवा दिया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
इससे पहले रविवार को पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू जिले में सीमा चौकियों और गांवों को मोर्टार के गोलों एवं छोटे हथियारों से निशाना बनाया, जिससे आठ महीने के एक बच्चे की मौत हो गई और एक विशेष पुलिस अधिकारी सहित छह लोग घायल हो गए।
अधिकारियों ने बताया कि नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कई इलाकों में सीमा पार से गोलीबारी की गई, जिसका भारतीय सैनिकों ने माकूल जवाब दिया।
आठ महीने का नितिन कुमार नियंत्रण रेखा पर पल्लांवाला सेक्टर में अपने घर के बाहर अपने परिवार के साथ सो रहा था जब पाकिस्तान की गोलीबारी में उसकी मौत हो गई, जबकि अरनिया सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की गोलीबारी में एक विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) सहित छह लोग घायल हो गए हैं। इससे पहले जम्मू जिले में दो दिन पहले पाकिस्तान की गोलीबारी में बीएसएफ के एक जवान एवं चार आम नागरिकों की मौत हो गई थी।
जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने गोलीबारी से प्रभावित हुए कुछ लोगों से मुलाकात की थी और गोलाबारी को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया था। उन्होंने कहा कि गोलीबारी ऐसे समय में हुई जब रमजान का महीना शुरू ही हुआ और राज्य के लोगों ने पाक महीने में राज्य में सुरक्षा संबंधी अभियानों पर एकतरफा रोक की केंद्र सरकार की घोषणा के बाद राहत की सांस ली थी। वहीं, केंद्रीय मंत्री जितेंद्रसिंह ने कहा कि रमजान के पाक महीने में लोगों की जान लेकर पाकिस्तान ने पाक महीने का अनादर किया है।