नई दिल्ली। भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि आतंकियों के खिलाफ मजबूत इरादे ना होने के चलते भारत सरकार को 1999 में हुए कंधार विमान अपहरण कांड के दौरान करीब 190 यात्रियों को छुड़ाने के लिए तीन आतंकियों को रिहा कर समझौता करना पड़ा था।
उन्होंने ‘ग्लोबल काउंटर टेररिज्म काउंसिल’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि भारत ने आतंकवाद को लेकर मजबूत इरादे नहीं होने के कारण तीनों आतंकियों को छोड़ा।
आतंकी समूह हरकत - उल - मुजाहिदीन ने दिसंबर, 1999 में काठमांडू से उड़ान भरने वाले इंडियन एयरलाइंस के एक विमान का अपहरण कर लिया था। आतंकवादी विमान को अफगानिस्तान के कंधार ले गए थे।
स्वामी ने कहा, 'हमने तीन आतंकियों को रिहा कर कंधार विमान अपहरण कांड में समझौता किया। इन आतंकियों को काफी मुश्किल से गिरफ्तार करने के बाद जेल में डाला गया था। उनमें से एक अजहर था जिसने बाद में जैश - ए - मुहम्मद का गठन किया जो हर दिन किसी ना किसी तरह से हमारे लोगों की जान ले रहा है।'
स्वामी ने कहा कि आतंकवादी हमले के खिलाफ भारत ने कुछेक बार जवाबी कार्रवाई की है जिसमें जम्मू - कश्मीर के उरी सेक्टर में सेना के एक शिविर पर हुए आतंकी हमले के बाद सितंबर, 2016 में नियंत्रण रेखा के पार आतंकी ठिकानों पर किया गया सर्जिकल स्ट्राइक शामिल था। उन्होंने कहा कि आतंकियों के खिलाफ रत्ती भर भी सहिष्णुता की नीति नहीं होनी चाहिए। (भाषा)